हिन्दुस्तान मिरर न्यूज:
केंद्र सरकार द्वारा हाल ही में जारी किए गए 8वें केंद्रीय वेतन आयोग (8th CPC) के Terms of Reference (ToR) ने कर्मचारियों और पेंशनरों के बीच असंतोष बढ़ा दिया है। जस्टिस रंजन देसाई की अध्यक्षता वाले इस तीन सदस्यीय आयोग के ToR में 7वें वेतन आयोग से कई अहम बदलाव किए गए हैं, जिनके कारण 69 लाख केंद्रीय पेंशनरों और फैमिली पेंशनरों को आयोग के दायरे से बाहर रखने का आरोप लगा है।
कर्मचारी संघों की नाराजगी
ऑल इंडिया डिफेंस एम्प्लॉईज फेडरेशन (AIDEF) ने इस ToR पर गंभीर आपत्ति जताई है। संगठन ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को पत्र लिखकर कहा कि इसमें कर्मचारियों और पेंशनरों की उम्मीदें शामिल नहीं हैं। संघ का कहना है कि पेंशन संशोधन और सेवानिवृत्त कर्मचारियों के हितों से जुड़ी धाराएं ToR से हटा दी गई हैं।
7वें CPC से क्या बदला
7वें वेतन आयोग के ToR में पेंशन पुनरीक्षण, कम्यूटेड पेंशन की बहाली और हर पांच साल में 5% पेंशन वृद्धि की समीक्षा शामिल थी, जो अब 8वें ToR में नहीं दिख रही। इससे सरकार की मंशा को लेकर कर्मचारियों में शंका है।
संघ की मांग
AIDEF ने सरकार से 8वें वेतन आयोग के ToR में संशोधन की मांग की है, ताकि 01 जनवरी 2026 से पहले सेवानिवृत्त सभी कर्मचारियों की पेंशन संशोधित करने का प्रावधान जोड़ा जा सके।













