हिन्दुस्तान मिरर न्यूज:
बिहार विधानसभा चुनाव में राजद (RJD) की करारी हार के बाद लालू प्रसाद यादव के परिवार में मतभेद खुलकर सामने आने लगे हैं। पार्टी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की छोटी बेटी और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव की बहन रोहिणी आचार्य ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक पोस्ट लिखकर अपने परिवार से नाता तोड़ने और राजनीति छोड़ने का ऐलान कर दिया। रोहिणी आचार्य वही बेटी हैं, जिन्होंने कुछ वर्ष पहले अपने पिता लालू प्रसाद को किडनी दान की थी और फिलहाल सिंगापुर में रहती हैं।
रोहिणी ने पोस्ट में लिखा कि वह राजनीति से संन्यास ले रही हैं और अपने परिवार से दूरी बना रही हैं। उन्होंने दावा किया कि इस फैसले के पीछे संजय यादव और रमीज का दबाव है, और वह इस पूरे मामले का दोष अपने ऊपर ले रही हैं। उनके इस कदम ने RJD में पहले से चल रही अंदरूनी खींचतान को और गहरा कर दिया है।
गौरतलब है कि लालू परिवार में तनाव नया नहीं है। बड़े बेटे तेज प्रताप यादव पहले ही परिवार और पार्टी से अलग हो चुके हैं। लालू प्रसाद यादव ने उन्हें RJD से निष्कासित किया था, जिसके बाद तेज प्रताप ने जनशक्ति जनता दल नाम से नई पार्टी बनाई और इस चुनाव में RJD के खिलाफ चुनाव लड़ा।
रोहिणी का संजय यादव से विवाद पहले भी सुर्खियां बटोर चुका है। संजय यादव हरियाणा मूल के हैं और RJD के राज्यसभा सांसद हैं। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि तेज प्रताप द्वारा पार्टी में “जयचंद” होने की जो टिप्पणी कई बार की गई, वह संजय यादव के लिए ही इशारा माना जाता है। रोहिणी भी संजय यादव के तेजस्वी पर बढ़ते प्रभाव से नाराज़ रही हैं। बिहार यात्रा के दौरान तेजस्वी के लिए बनी विशेष बस की फ्रंट सीट पर संजय के बैठने की तस्वीरें सामने आने के बाद रोहिणी का गुस्सा खुलकर सामने आया था। उन्होंने फेसबुक पर एक पोस्ट साझा किया जिसमें फ्रंट सीट पर बैठने को शीर्ष नेतृत्व का सम्मान बताया गया था।
चुनाव हार के बाद इस पारिवारिक विवाद के और बढ़ने के आसार हैं। अगर स्थिति नहीं संभली, तो यह RJD के लिए संगठनात्मक संकट में बदल सकता है और पार्टी की आगामी रणनीति एवं नेतृत्व को प्रभावित कर सकता है।













