हिन्दुस्तान मिरर न्यूज:
अखिल भारतीय पंचायत परिषद का 18वां राष्ट्रीय सम्मेलन कर्नाटक में हुआ संपन्न
नई दिल्ली । कर्नाटक के गडग में दो दिवसीय सफलतापूर्वक संपन्न हुआ सम्मेलन की अध्यक्षता पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं राष्ट्रीय अध्यक्ष सुबोध कांत सहाय ने की इस दो दिवसीय सम्मेलन में पंचायती राज संस्था से जुड़े हुए प्रतिनिधियों पदाधिकारी एवं पंचायत विशेषज्ञों ने सहभागिता की सम्मेलन में विभिन्न राज्यों से प्राप्त सुझावों और प्रस्तावों पर चर्चा हुई तथा पंचायतो के विकास हेतु 12 प्रस्तावों को सर्वसम्मति से पास किया गया । उक्त मांगों के संबंध में परिषद का एक प्रतिनिधिमंडल उनको लागू करवाने के लिए देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलेगा प्रमुख प्रस्तावों में पंचायत का आर्थिक सशक्तिकरण, डिजिटल पंचायत, 73 में संशोधन के अनुरूप समस्त अधिकार पंचायतो को दिए जाने तथा सांसद एवं विधायकों की तरह पंचायत प्रतिनिधियों को पेंशन और वेतन दिए जाने की प्रमुख मांगे हैं।

ग्राम पंचायत को मजबूत किए बिना विकास संभव नहीं
अध्यक्षता कर रहे राष्ट्रीय अध्यक्ष सुबोध कांत ने सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि वैश्वीकरण का दौर पुराना हो चुका है आज स्थानीयकरण और आत्मनिर्भरता का दौर है वैश्विक बाजार ने हमारे गांव को केवल एक बाजार बनाकर छोड़ दिया है हमारे स्थानीय संसाधन जल, जंगल और जमीन पर बाहरी दबाव बना है । इसका समाधान दिल्ली, कोलकाता, बॉम्बे, चेन्नई, हैदराबाद, लखनऊ में नहीं हमारी ग्राम पंचायतो में समाहित है । ग्राम पंचायत को मजबूत किए बिना सतत विकास संभव नहीं। उन्होंने संगठन को मजबूत करने के लिए भी निर्देश दिए। सम्मेलन को राष्ट्रीय कार्यवाहक अध्यक्ष डॉ अशोक चौहान ने संबोधित करते हुए कहा हमें यह समझना होगा स्मार्ट सिटी बनाने से भारत स्मार्ट नहीं बनेगा । जब तक हम स्मार्ट आदर्श गांव नहीं बनाते, तब तक देश खुशहाल नहीं होगा। स्थानीय संसाधनों पर ग्राम समुदाय का नियंत्रण होना चाहिए।
सुविधा नहीं होने दे हो रहा गांवों से पलायन
राष्ट्रीय महासचिव एवं उत्तर प्रदेश प्रभारी गवेंद्रसिंह एडवोकेट ने संबोधित करते हुए कहा 73 वे संविधान संशोधन के अनुरूप ग्राम पंचायत को जो अधिकार मिलने चाहिए थे, वह अभी तक पूर्ण रुप से नहीं मिले हैं । गांव में आज बेहतरीन सुविधा नहीं है, इसकी वजह से ही गांवों से शहर के लिए पलायन हो रहा है तथा बेरोजगारी भी बढ़ रही है। गांव से पलायन रोकने के लिए गांव देहात को सशक्त एवं मजबूत करने के लिए पंचायत को और अधिक विकास के अधिकार देने चाहिए तथा पंचायत प्रतिनिधियों को एमएलए एमपी की तरह सुविधा भी प्रदत्त करनी चाहिए ।सम्मेलन का संचालन कर रहे महासचिव अनिल शर्मा ने कहा पंचायत परिषद की परंपरा संघर्ष की रही है तथा महात्मा गांधी के ग्राम स्वराज के सपने को साकार करने के लिए निरंतर पंचायत प्रतिनिधियों के हित में संघर्ष करती रही है और आगे करती रहेगी । उन्होंने पंचायत परिषद की रिपोर्ट भी प्रेषित की । राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी बद्रीनाथ ने कहा ग्राम पंचायत देश की रीड है उनको मजबूत करने से देश मजबूत होगा और ग्रामीण अंचल में खुशहाली आएगी।

ये रहे शामिल
अधिवेशन में उत्तर प्रदेश से चौधरी महेंद्र सिंह , कुवर कुशवीर सिंह एडवोकेट, धीरेंद्र प्रताप सिंह, डॉक्टर राकेश सक्सेना, पूर्व बार के अध्यक्ष दुर्गेश चंद्र गौतम, राष्ट्रीय सचिव चौधरी वीरेंद्र सिंह, धीरज गुर्जर, धर्मवीर सिंह, कुवर तेज प्रताप सिंह आदि ने प्रस्तावों पर सुझाव दिए तथा उत्तर प्रदेश से अनेकों लोगों ने भाग लिया । सम्मेलन को राष्ट्रीय महासचिव ठाकुर ध्यान पाल सिंह ने संबोधित करते हुए कहा पंचायत परिषद कि संगठन को और अधिक पूरे देश में सशक्त एवं मजबूत बनाना है तथा पंचायत प्रतिनिधियों के हितों के लिए संघर्षरत रहना है। दिल्ली प्रदेश से अनेकों साथियों सहित सम्मेलन में शामिल मध्य प्रदेश से राजेंद्र सिंह तोमर, मीना चौहान, दिनेश यादव , गुजरात से जयंती भाई, झारखंड से अजय सिंह, सुंदरी तुर्की राजस्थान से मोहनलाल शर्मा, आंध्र प्रदेश से चिदंबर रेडी, तेलंगाना से जलील, विजय वर्मा, केरल से बी विजय रन, मणिपुर से बी एन सिंह, असम से जेपी सिंह, महाराष्ट्र से राष्ट्रीय सचिव नयना नंदकुमार पाटिल, हिमाचल बलदेव सिंह कुल राकेश पंत हरियाणा से उमेश शर्मा, अनिल बिष्ट, जम्मू से मिन्हास, तमिलनाडु से पूर्व विधायक के एम मनोहरन, त्रिपुरा से ब्राज़ीत सिन्हा, कर्नाटक प्रदेश के कार्यवाहक अध्यक्ष वी वाई घोरपडे, कर्नाटक के पंचायत राज मंत्री प्रियाक खड़गे आदि शामिल रहे।













