हिन्दुस्तान मिरर न्यूज़: 16 अप्रैल: 2025,
समाज की मुख्यधारा में लाने का प्रयास
वर्तमान समय में भारत सरकार और विभिन्न राज्य सरकारें समाज के प्रत्येक वर्ग को बराबरी का अधिकार और सम्मान दिलाने हेतु कई कल्याणकारी योजनाएं चला रही हैं। इसी कड़ी में दिव्यांगजनों को सशक्त बनाने और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से कई योजनाएं लागू की गई हैं। उत्तर प्रदेश सरकार की “दिव्यांगजन शादी-विवाह प्रोत्साहन पुरस्कार योजना” इसी दिशा में एक अहम कदम है।
योजना का उद्देश्य
इस योजना का मुख्य उद्देश्य दिव्यांगजनों को विवाह के लिए प्रोत्साहित करना, उन्हें सामाजिक सुरक्षा प्रदान करना तथा उनके वैवाहिक जीवन को आत्मनिर्भर और सम्मानजनक बनाना है। यह योजना न केवल आर्थिक सहायता देती है, बल्कि समाज में दिव्यांगजनों की स्वीकृति और समावेशन को भी बढ़ावा देती है।
विवाह: एक चुनौतीपूर्ण सफर
जहां सामान्य व्यक्ति के लिए विवाह जीवन का एक महत्वपूर्ण पड़ाव होता है, वहीं दिव्यांगजनों के लिए यह सफर कई कठिनाइयों से भरा होता है। सामाजिक पूर्वाग्रह, आर्थिक असमानताएं और मानसिक बाधाएं उनके वैवाहिक जीवन की राह में रुकावटें खड़ी करती हैं। इन्हीं समस्याओं को ध्यान में रखते हुए यह योजना शुरू की गई है।
प्रोत्साहन राशि का विवरण
इस योजना के अंतर्गत नवविवाहित दिव्यांग जोड़ों को एकमुश्त प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाती है:
- यदि पति दिव्यांग है: ₹15,000
- यदि पत्नी दिव्यांग है: ₹20,000
- यदि दोनों पति-पत्नी दिव्यांग हैं: ₹35,000
यह राशि विवाह के पश्चात आवेदन करने पर प्रदान की जाती है ताकि नवविवाहित जोड़ा अपने नए जीवन की शुरुआत आर्थिक रूप से सशक्त होकर कर सके।
पात्रता की शर्तें
योजना का लाभ उठाने के लिए निम्नलिखित पात्रता शर्तों को पूरा करना अनिवार्य है:
- आयु सीमा:
- पुरुष: 21 से 45 वर्ष
- महिला: 18 से 45 वर्ष
- आयकरदाता नहीं होना चाहिए – पति या पत्नी में से कोई भी आयकरदाता नहीं होना चाहिए।
- दिव्यांगता प्रमाण पत्र:
- न्यूनतम 40% दिव्यांगता अनिवार्य है
- प्रमाणपत्र मुख्य चिकित्साधिकारी (CMO) द्वारा जारी होना चाहिए
- विवाह की तिथि:
- केवल वर्तमान या गत वित्तीय वर्ष में हुआ विवाह मान्य होगा।
आवश्यक दस्तावेज
आवेदन करते समय निम्नलिखित दस्तावेज संलग्न करना अनिवार्य है:
- संयुक्त नवीनतम पासपोर्ट साइज फोटो
- विवाह पंजीकरण प्रमाण पत्र या संख्या
- दोनों का आय, जाति एवं जन्मतिथि प्रमाण पत्र
- आधार कार्ड (दोनों का)
- अधिवास प्रमाण पत्र
- बैंक में संयुक्त खाता और उसकी छायाप्रति
- CMO द्वारा जारी दिव्यांगता प्रमाण पत्र
आवेदन प्रक्रिया
- आवेदन ऑनलाइन माध्यम से किया जा सकता है:
http://divyangjan.upsdc.gov.in - ऑनलाइन आवेदन के बाद उसकी प्रिंट कॉपी निकालकर सभी दस्तावेजों के साथ जिला दिव्यांगजन सशक्तीकरण कार्यालय, विकास भवन, कमरा नंबर 8 में जमा करना आवश्यक है।
- आवेदन जनसेवा केन्द्र या लोकवाणी केन्द्र से भी कराया जा सकता है।
संपर्क और सहायता
जिला दिव्यांगजन सशक्तीकरण अधिकारी रोहित कुमार ने बताया कि योजना से संबंधित किसी भी प्रकार की जानकारी या सहायता के लिए अभ्यर्थी कार्यालय से सीधे संपर्क कर सकते हैं। कार्यालय के कर्मचारी हर आवश्यक सहयोग और मार्गदर्शन प्रदान करते हैं ताकि आवेदनकर्ता को किसी प्रकार की परेशानी न हो।