हिन्दुस्तान मिरर न्यूज़: 19 अप्रैल: 2025,
पीएम मोदी का सऊदी अरब दौरा: रणनीतिक साझेदारी को मिलेगा नया आयाम
22-23 अप्रैल को जेद्दा में होंगे प्रधानमंत्री मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अगले सप्ताह 22 और 23 अप्रैल को सऊदी अरब के जेद्दा शहर की यात्रा पर रहेंगे। यह दौरा सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के विशेष निमंत्रण पर हो रहा है। इस यात्रा को भारत-सऊदी अरब संबंधों के लिहाज से बेहद अहम माना जा रहा है।
रणनीतिक साझेदारी परिषद की दूसरी बैठक
इस यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री मोदी और क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ‘भारत-सऊदी रणनीतिक साझेदारी परिषद’ की दूसरी बैठक की संयुक्त रूप से अध्यक्षता करेंगे। इस परिषद के दो मुख्य स्तंभ—राजनीतिक और आर्थिक हैं, जिनका नेतृत्व दोनों देशों के संबंधित मंत्री करते हैं।
तीसरे कार्यकाल में पीएम मोदी की पहली सऊदी यात्रा
यह प्रधानमंत्री मोदी का तीसरे कार्यकाल में पहला सऊदी दौरा होगा। इससे पहले वह 2016 और 2019 में सऊदी अरब का दौरा कर चुके हैं। यह दौरा उस समय हो रहा है जब क्राउन प्रिंस ने सितंबर 2023 में जी20 शिखर सम्मेलन के दौरान भारत का दौरा किया था और उसी समय रणनीतिक साझेदारी परिषद की पहली बैठक भी हुई थी।
कई अहम समझौतों पर होंगे हस्ताक्षर
विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने जानकारी दी कि इस यात्रा के दौरान कई महत्वपूर्ण समझौतों (MoUs) पर हस्ताक्षर किए जाएंगे। यह समझौते अंतिम मंजूरी के चरण में हैं और यात्रा के दौरान इनका पूरा ब्यौरा साझा किया जाएगा।
27 लाख भारतीयों का मेजबान है सऊदी अरब
सऊदी अरब में वर्तमान में करीब 27 लाख भारतीय प्रवासी रहते और काम करते हैं, जो कि किसी एक देश में भारतीय प्रवासियों की दूसरी सबसे बड़ी संख्या है। यह भारत-सऊदी अरब के घनिष्ठ संबंधों का प्रमाण है।
रूस-यूक्रेन युद्ध पर होगी चर्चा
विदेश सचिव ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी और क्राउन प्रिंस के बीच होने वाली बातचीत में रूस-यूक्रेन युद्ध भी प्रमुख मुद्दा रहेगा। भारत का रुख स्पष्ट है कि इस युद्ध का समाधान बातचीत और कूटनीति से ही निकल सकता है। सऊदी अरब की इस दिशा में सक्रिय भागीदारी को भारत सराहनीय मानता है।
हूती विद्रोहियों के हमलों पर भारत की चिंता
हाल ही में हूती विद्रोहियों द्वारा शिपिंग और नेविगेशन पर किए गए हमलों को लेकर भी चर्चा की संभावना है। विदेश सचिव ने बताया कि भारत इस पूरे घटनाक्रम पर करीब से नजर रख रहा है और भारतीय नौसेना इस क्षेत्र में सक्रिय अभियान चला रही है।
पश्चिम एशिया की स्थिति पर भी होगी बात
इस दौरे में इस्राइल-फलस्तीन संघर्ष समेत पूरे पश्चिम एशिया की स्थिति पर भी चर्चा की जाएगी। भारत और सऊदी अरब दोनों ही इस मुद्दे के समाधान के लिए शांति और संवाद की प्रक्रिया को प्राथमिकता देते हैं।