हिन्दुस्तान मिरर न्यूज़: 21अप्रैल: 2025,
बिना पीयूसी प्रमाण पत्र वाले वाहनों पर स्वचालित चालान प्रणाली शुरू
दिल्ली सरकार ने वायु प्रदूषण पर नियंत्रण पाने के लिए एक बड़ा कदम उठाते हुए बिना प्रदूषण नियंत्रण प्रमाण पत्र (PUC) वाले वाहनों के खिलाफ स्वचालित चालान प्रणाली शुरू की है। यह व्यवस्था राजधानी के करीब 100 पेट्रोल पंपों पर पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर शुरू की गई है, जिसे जून 2025 के अंत तक दिल्ली के सभी 500 पेट्रोल पंपों तक विस्तारित किया जाएगा।
कैसे काम करता है यह सिस्टम?
इस नई व्यवस्था के तहत, पेट्रोल पंपों पर लगे सीसीटीवी कैमरे वाहनों की नंबर प्लेट स्कैन करते हैं और उसे परिवहन विभाग के डेटाबेस से मिलान करते हैं। यदि वाहन का पीयूसी प्रमाण पत्र वैध नहीं पाया जाता, तो:
- सिस्टम स्वचालित रूप से ई-चालान जनरेट करता है।
- वाहन मालिक को मोबाइल नंबर पर सूचना भी भेजी जाती है।
- बिना पीयूसी प्रमाण पत्र वाले वाहनों पर ₹10,000 तक का चालान लगाया जा सकता है।
- दोबारा उल्लंघन करने पर 6 महीने की सजा का भी प्रावधान है।
पुराने वाहनों की पहचान भी होगी
सिर्फ बिना पीयूसी प्रमाण पत्र ही नहीं, बल्कि पुराने वाहनों की पहचान भी इस सिस्टम के जरिए की जाएगी।
- सुप्रीम कोर्ट और NGT के दिशानिर्देशों के अनुसार, दिल्ली में 10 साल से पुराने डीजल और 15 साल से पुराने पेट्रोल वाहनों पर प्रतिबंध है।
- इसके बावजूद कई ऐसे वाहन अब भी सड़कों पर चल रहे हैं।
- अब इन वाहनों की पहचान के लिए 477 पेट्रोल पंपों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं।
- अप्रैल के अंत तक इस प्रणाली को सक्रिय कर दिया जाएगा।
यदि कोई वाहन तय उम्र से अधिक पाया जाता है:
- उसे ईंधन देने से मना कर दिया जाएगा।
- साथ ही, चालान व जब्ती और यहां तक कि स्क्रैप करने की प्रक्रिया भी शुरू की जा सकती है।
पहले क्या था, अब क्या है?
पहले सरकार की योजना थी कि ऐसे वाहनों को पेट्रोल पंप पर चेतावनी देकर दो घंटे का समय दिया जाएगा, जिससे वे अपना पीयूसी अपडेट करवा सकें। लेकिन अब सीधी कार्रवाई की नीति अपनाई गई है, जिससे प्रदूषण पर त्वरित अंकुश लगाया जा सके।
सरकार की अपील
परिवहन विभाग और दिल्ली सरकार ने नागरिकों से अपील की है कि:
- वे अपने पीयूसी प्रमाण पत्र समय पर नवीनीकृत कराएं।
- तय उम्र से पुराने वाहनों को सड़कों पर चलाने से बचें।
- नियमों का उल्लंघन करने पर उन्हें भारी जुर्माना और वाहन जब्ती जैसी कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है।