हिन्दुस्तान मिरर न्यूज़: 1 मई : 2025,
अकबरपुर (कटारिया बाग)।
उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने जातीय जनगणना को लेकर बड़ा बयान देते हुए कहा कि इस ऐतिहासिक फैसले से समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव और कांग्रेस नेता राहुल गांधी की नींद उड़ गई है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सही समय पर जातीय जनगणना की घोषणा कर एक साहसिक और ऐतिहासिक कदम उठाया है, जिससे अब सही मायनों में सामाजिक न्याय सुनिश्चित होगा।
डिप्टी सीएम मौर्य सम्राट चंद्रगुप्त मौर्य जयंती समारोह में पहुंचे थे, जिसका आयोजन नारायण फाउंडेशन के अध्यक्ष विवेक मौर्य द्वारा किया गया था। समारोह में उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि विपक्ष को भरोसा था कि भाजपा जातीय जनगणना नहीं कराएगी, लेकिन भाजपा तो उचित समय की प्रतीक्षा कर रही थी।
उन्होंने कहा कि जातीय जनगणना से अब पिछड़े और दलित वर्गों के लिए योजनाएं बनाई जाएंगी और समाज के सभी वर्गों को उनका हक मिलेगा। उन्होंने दावा किया कि इस फैसले के बाद अखिलेश और राहुल को नींद की गोलियां खाकर सोना पड़ा है।
सामाजिक न्याय की दिशा में बड़ा कदम
मौर्य ने कहा कि सामाजिक न्याय अब कागजों में नहीं, बल्कि वास्तविक रूप में लागू होगा। उन्होंने प्रधानमंत्री को इस निर्णय के लिए श्रमिक दिवस पर विशेष बधाई दी और याद दिलाया कि इसी दिन 2017 में मोदी जी ने ‘लाल बत्ती संस्कृति’ समाप्त कर एक नया संदेश दिया था।
अखिलेश यादव पर तीखा हमला
डिप्टी सीएम ने अखिलेश यादव पर निशाना साधते हुए कहा कि वे ‘फर्जी पीडीए – परिवार डेवलपमेंट एजेंसी’ चलाते हैं और अपराधियों, गुंडों व दंगाइयों को संरक्षण देते हैं। उन्होंने कहा कि 2012 से 2017 तक अखिलेश एक ही जाति के मुख्यमंत्री बनकर रह गए, जबकि भाजपा सभी वर्गों को साथ लेकर चलने में विश्वास रखती है।
कांग्रेस-सपा गठबंधन पर हमला
मौर्य ने कहा कि 2024 के लोकसभा चुनाव में भले ही कांग्रेस और सपा गठबंधन ने जनता को गुमराह कर कुछ कामयाबी पा ली हो, लेकिन हरियाणा, महाराष्ट्र और दिल्ली में भाजपा ने बड़ी जीत हासिल कर दिखा दिया कि जनता अब विकास और स्थायित्व चाहती है।
गरीबों के हित में भाजपा की नीति
कांग्रेस पर हमला करते हुए उन्होंने कहा कि 60 साल के शासन के बावजूद कांग्रेस गरीबों का दर्द नहीं समझ पाई। जिनके लिए सत्ता केवल विरासत रही है, वे जनता की पीड़ा कभी नहीं समझ सकते। भाजपा की नीतियां सीधे तौर पर समाज के अंतिम व्यक्ति तक लाभ पहुंचाने की दिशा में हैं।