हिन्दुस्तान मिरर न्यूज़: 6 मई : 2025,
लखनऊ — जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में शहीद हुए सैनिक विनय नरवाल की पत्नी हिमांशी को ट्रोल किए जाने के मामले ने अब सियासी तूल पकड़ लिया है। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने इस मुद्दे पर भारतीय जनता पार्टी और महिला आयोग पर जमकर निशाना साधा है।
अखिलेश यादव ने एक लंबी चिट्ठी के ज़रिए भाजपा की “महिला विरोधी सोच” को बेनकाब करने का आह्वान किया है। उन्होंने लिखा कि भाजपा का असली चरित्र अब जनता के सामने आ चुका है और जो महिलाएं सच बोलती हैं या सत्ता के विरुद्ध खड़ी होती हैं, उन्हें ट्रोलिंग, अपमान और मानसिक उत्पीड़न का निशाना बनाया जाता है।
“भाजपा का चाल, चरित्र और चेहरा पहले भी छिपा था, आज भी भूमिगत”
अखिलेश यादव ने आरोप लगाया कि भाजपा और उसके समर्थक हमेशा से परदे के पीछे रहकर षड्यंत्र और साजिशें करते आए हैं। उन्होंने लिखा कि ये लोग कभी नहीं चाहते कि कोई दूसरा वर्ग, विशेषकर महिलाएं, राजनीतिक और आर्थिक रूप से सशक्त हों। यही कारण है कि भाजपा संविधान के मूल्यों और जनता के अधिकारों के भी विरुद्ध रही है।
“नारी के चरित्र पर कीचड़ उछालना भाजपा की पुरुषवादी सोच का हिस्सा”
अखिलेश ने भाजपा पर आरोप लगाते हुए लिखा कि उनका महिला विरोधी चेहरा अब और नहीं छुप सकता। उन्होंने हिमांशी नरवाल के साथ-साथ उन तमाम साहसी महिलाओं का ज़िक्र किया जो समाज में भाईचारे की आवाज़ उठा रही हैं, खोजी पत्रकारिता कर रही हैं, या सांस्कृतिक माध्यमों से सच उजागर कर रही हैं। ऐसे हर प्रयास को भाजपा समर्थक कुचलने की कोशिश कर रहे हैं।
“महिला आयोग की चुप्पी पर भी उठाए सवाल”
चिट्ठी में अखिलेश ने राष्ट्रीय महिला आयोग की निष्क्रियता पर भी सवाल खड़े किए और पूछा कि अगर आयोग वाकई कहीं है, तो अब उसे औपचारिकता से बाहर आकर अपनी शक्ति का प्रयोग करना चाहिए।
“अब देश की हर युवती बोलेगी – भाजपा का असली चेहरा सामने लाओ”
समाजवादी पार्टी प्रमुख ने यह भी कहा कि देश की आधी आबादी अब चुप नहीं रहेगी। उन्होंने आह्वान किया कि हर युवती, हर महिला अब भाजपा के महिला विरोधी रवैये के विरुद्ध आवाज़ बुलंद करेगी और उनके दोहरे चरित्र को उजागर करेगी।
“जो नारी का सम्मान नहीं करता, वह भारतीय नहीं हो सकता”
अखिलेश ने भाजपा पर आखिरी चोट करते हुए कहा कि जो लोग महिलाओं की गरिमा और स्वतंत्रता का सम्मान नहीं करते, उन्हें ‘भारतीय’ कहलाने का भी नैतिक अधिकार नहीं है। भाजपा केवल ‘नारी वंदना’ का दिखावा करती है, लेकिन हकीकत में महिलाओं को अपमानित करने का कोई मौका नहीं छोड़ती।
यह मामला न केवल एक शहीद की पत्नी के सम्मान का है, बल्कि पूरे समाज की सोच और महिलाओं की स्थिति को दर्शाने वाला गंभीर मुद्दा बन चुका है।