हिन्दुस्तान मिरर न्यूज़: 10 मई : 2025,
शाहजहांपुर। संवेदनशीलता और मानवीयता की एक मिसाल पेश करते हुए शाहजहांपुर के एडीएम (वित्त एवं राजस्व) अरविंद कुमार शनिवार को अपनी पत्नी सौम्या के साथ बरतारा स्थित वृद्धाश्रम पहुंचे। इस दौरान उन्होंने वहां रह रहे बुजुर्गों से मुलाकात की, उनका हालचाल जाना और उनके साथ बैठकर भोजन भी किया। एडीएम ने खुद को ‘बेटा’ बताते हुए बुजुर्गों का दुःख-दर्द साझा किया और कई जरूरी कदम भी उठाए।
बीमार बुजुर्ग महिला को पहुंचाया अस्पताल
वृद्धाश्रम में मौजूद बुजुर्गों से बातचीत के दौरान एडीएम को जानकारी मिली कि एक बुजुर्ग महिला, राजकुमारी देवी, बीते चार-पांच दिनों से गंभीर रूप से बीमार हैं। खुद राजकुमारी देवी ने बताया कि तीन दिन पहले उन्हें इलाज के लिए एंबुलेंस से अस्पताल ले जाया गया था, लेकिन रास्ते में ही छोड़ दिया गया और वह किसी तरह से वृद्धाश्रम वापस लौटीं।
इस गंभीर लापरवाही की सूचना मिलते ही एडीएम ने तुरंत एंबुलेंस बुलवाई और महिला को बेहतर इलाज के लिए राजकीय मेडिकल कॉलेज भिजवाया। साथ ही, उन्होंने कॉलेज के प्राचार्य से फोन पर बात कर विशेष ध्यान देने को कहा।
बुजुर्गों के साथ बिताया समय, बांटे फल
एडीएम अरविंद कुमार और उनकी पत्नी सौम्या ने वृद्धाश्रम में मौजूद सभी बुजुर्गों से व्यक्तिगत रूप से मुलाकात की और उनका हालचाल जाना। उन्हें ऐसे कई बुजुर्ग मिले जो अच्छे परिवारों से ताल्लुक रखते हैं, लेकिन पारिवारिक उपेक्षा के कारण वृद्धाश्रम में रहने को मजबूर हैं।
दंपति ने उनके साथ बैठकर सादा भोजन किया और फल व अन्य जरूरी सामग्री भी वितरित की। यह दृश्य वहां मौजूद सभी लोगों के लिए भावुक करने वाला था। एडीएम का यह मानवीय रूप देखकर वृद्धाश्रम के बुजुर्गों की आंखें नम हो गईं।
स्वास्थ्य सेवाओं पर जताई चिंता, दिए निर्देश
आश्रम के केयरटेकर ने एडीएम को बताया कि पहले स्वास्थ्य विभाग की टीम नियमित रूप से आश्रम में आती थी, लेकिन अब यह सुविधा बंद हो चुकी है। इस पर संज्ञान लेते हुए एडीएम ने सीएमओ (मुख्य चिकित्सा अधिकारी) को निर्देश दिए कि वृद्धाश्रम में हर 15 दिनों में एक मेडिकल कैंप लगाया जाए ताकि समय-समय पर बुजुर्गों की स्वास्थ्य जांच हो सके।
मानवीयता की मिसाल बने एडीएम
एडीएम अरविंद कुमार का यह कदम समाज के उन लोगों के लिए एक प्रेरणा है जो अक्सर बुजुर्गों की उपेक्षा करते हैं। उन्होंने न केवल सरकारी अधिकारी के रूप में बल्कि एक संतान की भूमिका निभाते हुए बुजुर्गों का भरोसा जीता।