हिन्दुस्तान मिरर न्यूज़: 12 मई : 2025,
नई दिल्ली। भारत-पाकिस्तान के बीच भले ही सीमा पर सीजफायर लागू हो चुका हो, लेकिन दिल्ली से जम्मू के बीच यात्रा करने वाले यात्रियों की समस्याएं खत्म होने का नाम नहीं ले रही हैं। राजधानी दिल्ली से जम्मू जाने वाली बस सेवाएं अब भी पूरी तरह सामान्य नहीं हो पाई हैं। यात्रियों को बसों की भारी किल्लत का सामना करना पड़ रहा है, जिससे सफर न केवल मुश्किल, बल्कि महंगा भी होता जा रहा है।
13 में से 13 नॉन-एसी बसें बंद, सिर्फ दो एसी वॉल्वो बसें चालू
दिल्ली के कश्मीरी गेट और सराय काले खां बस अड्डों से रोजाना लगभग 15 बसें जम्मू के लिए रवाना होती थीं। इनमें से करीब 13 नॉन-एसी बसों का संचालन फिलहाल पूरी तरह बंद है। इन बसों को सेना की ड्यूटी में लगाया गया है, जिससे आम यात्रियों को इसका खामियाजा भुगतना पड़ रहा है। केवल दो वॉल्वो एसी बसें ही बुधवार और शनिवार को चलाई जा रही हैं, जिनकी टिकटों के लिए भारी मारामारी मची रहती है।
हरियाणा रोडवेज ने भी झटका दिया
यात्रियों की मुश्किलें यहीं खत्म नहीं होतीं। हरियाणा रोडवेज ने भी दिल्ली से जम्मू के बीच चलने वाली अपनी लगभग 30 बसों को पूरी तरह रद्द कर दिया है। इसका सीधा असर उन यात्रियों पर पड़ा है जो नियमित रूप से इस रूट का उपयोग करते थे।
निजी बस संचालकों की चांदी, किराए में भारी वृद्धि
सरकारी बसों की कमी का फायदा निजी बस संचालक उठा रहे हैं। यात्रियों की मजबूरी का लाभ उठाते हुए वे सामान्य किराए से दोगुना तक वसूल रहे हैं। आमतौर पर ₹700 से ₹800 में मिलने वाला टिकट अब ₹1500 से ₹2000 तक में बेचा जा रहा है। कई यात्रियों ने शिकायत की है कि उन्हें मनमाने दामों पर टिकट खरीदना पड़ रहा है, फिर भी सीट की गारंटी नहीं दी जाती।
यात्रियों की मांग – जल्द बहाल हो सेवाएं
इस स्थिति से परेशान यात्रियों ने सरकार और परिवहन विभाग से मांग की है कि दिल्ली-जम्मू रूट की बस सेवाओं को जल्द से जल्द सामान्य किया जाए। खासतौर पर गर्मियों के इस मौसम में जब जम्मू-कश्मीर में पर्यटन सीजन चरम पर होता है, यात्रियों की संख्या में तेजी से वृद्धि होती है।
प्रशासन का रुख अस्पष्ट

















