हिन्दुस्तान मिरर न्यूज़ ✑17 मई : 2025
अलीगढ़, 17 मई — अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) की प्रतिष्ठित शिक्षिका और पश्चिम एशिया एवं उत्तर अफ्रीकी अध्ययन विभाग की प्रोफेसर डॉ. रखशंदा फारूक फाजली ने अमेरिका की जानी-मानी जॉर्जटाउन यूनिवर्सिटी में आयोजित गल्फ स्टडीज सिम्पोजियम 2025 में अपना शोध पत्र प्रस्तुत कर विश्वविद्यालय की वैश्विक पहचान को और मजबूत किया।
इस अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी में प्रो. फाजली ने ‘Strategic Crossroads and Multipolarity: The Impact of US-China Rivalry and Emerging Powers on Gulf Stability and Middle Eastern Conflict Resolution’ विषय पर अपना शोध प्रस्तुत किया। इस शोध में उन्होंने खाड़ी क्षेत्र एवं व्यापक मध्य पूर्व में अमेरिका और चीन के बीच बढ़ती रणनीतिक प्रतिस्पर्धा के व्यापक प्रभावों का विश्लेषण किया।
प्रो. फाजली ने अपने शोध में भारत, रूस और तुर्की जैसी उभरती वैश्विक शक्तियों की भूमिका को विस्तार से समझाया, जो पारंपरिक पश्चिमी प्रभुत्व को चुनौती दे रही हैं। उन्होंने बताया कि इन देशों की सक्रिय कूटनीति खाड़ी क्षेत्र में नए समीकरण गढ़ रही है और यह क्षेत्र एक बहुध्रुवीय रणनीतिक परिदृश्य में बदलता जा रहा है।
प्रस्तुति के दौरान प्रो. फाजली ने यह भी बताया कि किस प्रकार खाड़ी देश वर्तमान वैश्विक अस्थिरता को देखते हुए अपनी विदेश नीतियों की पुनर्समीक्षा कर रहे हैं। उन्होंने बल दिया कि पारंपरिक शक्ति संतुलन में बदलाव तथा क्षेत्रीय तनावों के मद्देनजर समावेशी और बहुपक्षीय संघर्ष समाधान ढांचे की आवश्यकता पहले से कहीं अधिक महसूस की जा रही है।
इस महत्वपूर्ण शोध प्रस्तुति के माध्यम से प्रो. फाजली ने न केवल खाड़ी क्षेत्र की जटिल भू-राजनीतिक स्थिति को रेखांकित किया, बल्कि एएमयू की अकादमिक साख को वैश्विक मंच पर सुदृढ़ भी किया। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की संगोष्ठियों में भागीदारी भारतीय शिक्षाविदों को वैश्विक विमर्श में योगदान देने और नई सोच विकसित करने का मंच प्रदान करती है।