हिन्दुस्तान मिरर न्यूज़: 1 मई : 2025,
कोलकाता के मच्छुआपट्टी इलाके में स्थित एक छह मंजिला होटल ‘ऋतुराज’ में मंगलवार रात अचानक भीषण आग लग गई, जिसमें महिला और दो बच्चों समेत 14 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई। हादसे में 13 अन्य लोग गंभीर रूप से घायल हो गए हैं, जिनमें कुछ की हालत नाजुक बनी हुई है।
गिरफ्तार हुए होटल के मालिक और मैनेजर, लापरवाही के गंभीर आरोप
इस दुखद हादसे के बाद गुरुवार को पुलिस ने होटल के मालिक आकाश चावला और मैनेजर गौरव कपूर को गिरफ्तार कर लिया है। जोरासांको पुलिस स्टेशन में इनके खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 105 (गैर इरादतन हत्या) और पश्चिम बंगाल अग्निशमन सेवा अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है।
अवैध निर्माण और सुरक्षा मानकों की भारी अनदेखी
फायर ब्रिगेड के महानिदेशक रणवीर कुमार के मुताबिक, होटल में फायर सेफ्टी का कोई इंतज़ाम नहीं था।
- फायर सेफ्टी सर्टिफिकेट 2022 में ही समाप्त हो चुका था।
- होटल में केवल एक संकरी सीढ़ी थी जो बाहर निकलने का एकमात्र रास्ता थी।
- अधिकतर मौतें आग में झुलसने से नहीं, बल्कि दम घुटने से हुईं।
- होटल की पहली मंजिल पर बिना अनुमति के डांस बार का निर्माण चल रहा था।
भीड़भाड़ वाले इलाके में चल रहा था कम बजट वाला होटल, 88 मेहमान थे मौजूद
हादसे के समय होटल के 42 कमरों में करीब 88 मेहमान ठहरे हुए थे। जब आग लगी, तो लोग घबराकर बाहर निकलने की कोशिश करने लगे लेकिन उचित निकासी मार्ग नहीं होने के कारण कई लोग फंस गए।
अधिकांश शव होटल की संकरी सीढ़ियों और कमरों में पाए गए।
शवों की पहचान और पोस्टमार्टम पूरा, दो शवों की शिनाख्त बाकी
पुलिस ने बताया कि 14 शवों में से 12 की पहचान कर ली गई है और उनका पोस्टमार्टम पूरा हो चुका है। पहचान के बाद शव परिजनों को सौंप दिए गए हैं, जबकि दो शवों की पहचान की प्रक्रिया जारी है।
प्रशासन पर भी उठे सवाल, क्यों नहीं हुई समय रहते कार्रवाई?
इस हादसे के बाद प्रशासन की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं।
- फायर सेफ्टी प्रमाण पत्र की समाप्ति के बावजूद होटल कैसे संचालित हो रहा था?
- बिना अनुमति के डांस बार का निर्माण क्यों नहीं रोका गया?