हिन्दुस्तान मिरर न्यूज:
टिहरी उत्तराखंड , 5 सितम्बर।
शिक्षक दिवस के अवसर पर आज अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद एवं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पदाधिकारियों एवं कार्यकर्ताओं ने प्रांत खेलो भारत प्रमुख (उत्तराखंड प्रांत) डॉ. अर्पणा सिंह के निवास पर पहुंचकर राष्ट्र निर्माण में शिक्षकों के योगदान पर चर्चा की तथा महान शिक्षकों को स्मरण किया।
इस अवसर पर सह क्षेत्रीय संगठन मंत्री (उत्तर प्रदेश क्षेत्र) श्रीमान विपिन जी ने कहा कि “शिक्षक ही समाज की वास्तविक धुरी हैं। वे केवल पुस्तकीय ज्ञान ही नहीं देते, बल्कि पीढ़ियों को संस्कारित कर राष्ट्र को सही दिशा प्रदान करते हैं।”
प्रोफेसर बुटा सिंह जी ने अपने वक्तव्य में कहा कि “भारत की परंपरा गुरु-शिष्य संबंध पर आधारित रही है। आज हमें आधुनिक शिक्षा में भी उस भावनात्मक संबंध को जीवित रखना होगा।”
डॉ. अविनीश प्रकाश सिंह जी ने कहा कि “शिक्षक दिवस केवल डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन को स्मरण करने का दिन नहीं है, बल्कि यह अवसर है यह सोचने का कि हम शिक्षा को समाज और राष्ट्र के लिए कैसे अधिक सार्थक बना सकते हैं।”
प्रांत उपाध्यक्ष श्रीमान अमित जी ने कहा कि “राष्ट्र निर्माण में युवाओं की सबसे बड़ी भूमिका है और युवा तभी सही दिशा में आगे बढ़ेंगे जब उनके मार्गदर्शक शिक्षक दृढ़ संकल्प और आदर्श प्रस्तुत करेंगे।”
विभाग संगठन मंत्री श्रीमान केशव बिजलवान जी ने कहा कि “आज आवश्यकता है कि शिक्षा केवल नौकरी पाने का माध्यम न रहकर चरित्र निर्माण और मूल्य आधारित जीवन की प्रेरणा बने।”
जिला संगठन मंत्री (टिहरी) सुश्री कंचन जी ने कहा कि “महिलाओं और ग्रामीण अंचलों तक शिक्षा का प्रसार करना ही सच्ची श्रद्धांजलि होगी हमारे महान शिक्षकों को।”
श्री गौतम मखलोगा जी ने खेलो भारत के परिप्रेक्ष्य में कहा कि “खेल और शिक्षा का समन्वय ही विद्यार्थियों को पूर्ण व्यक्तित्व प्रदान करता है। शिक्षक इस दिशा में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।”
कार्यक्रम के अंत में डॉ. अर्पणा सिंह ने सभी का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि “शिक्षक दिवस हमें स्मरण कराता है कि समाज में सबसे बड़ी पूंजी ज्ञान और संस्कार है, और इसकी धरोहर हमारे शिक्षक हैं। यदि हम उन्हें सम्मान देंगे, तभी शिक्षा का उद्देश्य पूर्ण होगा।”
इस अवसर पर डॉ. रीतिका, स्वीटी, आशीष, अमित धनौला, युवराज, अनोमा सहित अनेक कार्यकर्ता उपस्थित रहे। सभी ने सामूहिक रूप से संकल्प लिया कि शिक्षक दिवस पर लिया गया यह संदेश केवल एक दिन तक सीमित न रहकर समाज के हर क्षेत्र में लागू होना चाहिए।




