हिन्दुस्तान मिरर न्यूज़: 4 मई : 2025,
संभल, उत्तर प्रदेश – संभल जिले में छात्रों को विशेष दुकानों से निजी प्रकाशकों की किताबें खरीदने के लिए मजबूर करने वाले 33 निजी स्कूलों पर जिला प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई की है। प्रत्येक स्कूल पर ₹1 लाख का जुर्माना लगाया गया है। यह दंड उत्तर प्रदेश स्ववित्तपोषित स्वतंत्र विद्यालय (शुल्क विनियमन) अधिनियम के उल्लंघन के तहत लगाया गया है।
निजी प्रकाशकों की किताबों की अनिवार्यता बनी सजा का कारण
जिलाधिकारी डॉ. राजेंद्र पैंसिया ने रविवार को बताया कि सीबीएसई और आईसीएसई से संबद्ध इन स्कूलों में किताबों की जांच कराई गई थी। जांच में पाया गया कि स्कूल एनसीईआरटी की जगह निजी प्रकाशकों की किताबें अनिवार्य रूप से इस्तेमाल करवा रहे थे। इससे भी गंभीर बात यह थी कि छात्रों और अभिभावकों को किताबें केवल कुछ चुनिंदा दुकानों से खरीदने के लिए मजबूर किया जा रहा था, जो नियमों का सीधा उल्लंघन है।
एक सप्ताह में जमा करना होगा जुर्माना
प्रशासन ने सभी 33 स्कूलों को निर्देश दिए हैं कि एक सप्ताह के भीतर जुर्माने की राशि जमा कर उसका प्रमाण जिला विद्यालय निरीक्षक (DIOS) को सौंपें। डीएम ने स्पष्ट चेतावनी दी है कि यदि निर्धारित समय में जुर्माना नहीं भरा गया तो और अधिक सख्त कार्रवाई की जाएगी।
लंबे समय से चल रही थी जांच
जिले में निजी स्कूलों की अनियमितताओं पर अंकुश लगाने के लिए प्रशासन लंबे समय से निगरानी कर रहा था। 16 अप्रैल को जिलेभर में 34 स्कूलों का निरीक्षण किया गया था। यह निरीक्षण डीएम के निर्देश पर गठित 34 अलग-अलग टीमों द्वारा किया गया।
निरीक्षण के दौरान टीमों ने पाया कि कई स्कूल एनसीईआरटी की मान्यता प्राप्त किताबों की बजाय निजी प्रकाशकों की महंगी किताबें छात्रों से खरीदवा रहे थे। इस दौरान फीस वसूली की प्रक्रिया को लेकर भी कई अनियमितताएं सामने आईं, जिन पर जांच जारी है।
शिक्षा विभाग की सतर्कता से बनी कार्रवाई की नींव
डीआईओएस श्यामा कुमार ने बताया कि निरीक्षण टीमों द्वारा तैयार की गई रिपोर्ट डीएम को सौंप दी गई थी। इसी रिपोर्ट के आधार पर प्रशासन ने यह ठोस कदम उठाया। प्रशासन की इस कार्रवाई को अभिभावकों ने राहत की नजर से देखा है, क्योंकि इससे निजी स्कूलों की मोनोपॉली और मनमानी पर अंकुश लगने की उम्मीद है।