नई दिल्ली, हिन्दुस्तान मिरर न्यूज:।
दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 में राजनीतिक दलों के खर्च का दिलचस्प और चौंकाने वाला विश्लेषण सामने आया है। ‘एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स’ (एडीआर) की रिपोर्ट के अनुसार, सोशल मीडिया और वर्चुअल प्रचार पर खर्च करने के मामले में कांग्रेस भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से कहीं आगे रही। रिपोर्ट बताती है कि कांग्रेस ने डिजिटल और वर्चुअल प्रचार पर भाजपा की तुलना में लगभग दस गुना अधिक राशि खर्च की।
एडीआर के अनुसार, कांग्रेस ने सोशल मीडिया और वर्चुअल प्रचार पर करीब 5.95 करोड़ रुपये खर्च किए, जबकि भाजपा ने इस मद में महज 5.26 लाख रुपये ही खर्च किए। आम आदमी पार्टी (आप) ने सोशल मीडिया प्रचार पर लगभग 3 करोड़ रुपये खर्च किए। डिजिटल प्रचार में भाजपा का खर्च सबसे कम रहा, जबकि कांग्रेस इस क्षेत्र में सबसे आगे नजर आई।
कुल प्रचार व्यय की बात करें तो कांग्रेस ने पार्टी प्रचार पर 40.13 करोड़ रुपये खर्च किए, जो भाजपा के 39.14 करोड़ रुपये से करीब एक करोड़ अधिक है। वहीं, आम आदमी पार्टी ने पार्टी प्रचार पर 12.12 करोड़ रुपये खर्च किए। हालांकि, कुल चुनावी खर्च में भाजपा सबसे आगे रही। भाजपा का कुल व्यय 57.65 करोड़ रुपये रहा, कांग्रेस ने 46.19 करोड़ और आम आदमी पार्टी ने 14.5 करोड़ रुपये खर्च किए।
रिपोर्ट में यह भी सामने आया कि अब तक नौ राजनीतिक दलों ने अपने खर्च का ब्योरा चुनाव आयोग को सौंपा है। इन दलों को कुल 170.68 करोड़ रुपये का चंदा मिला, जिसमें से करीब 74 प्रतिशत राशि चेक और डिमांड ड्राफ्ट के जरिए प्राप्त हुई, जबकि 26 प्रतिशत रकम नकद ली गई। खर्च के भुगतान में भी पारदर्शिता दिखी, क्योंकि 99 प्रतिशत से अधिक भुगतान चेक के माध्यम से किया गया।
एडीआर की रिपोर्ट के मुताबिक, 2020 की तुलना में 2025 के चुनाव में कांग्रेस का चुनावी खर्च 161 प्रतिशत बढ़ा है। भाजपा के खर्च में 20.5 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई, जबकि आम आदमी पार्टी ने 2020 के मुकाबले 32 प्रतिशत कम खर्च किया।
हालांकि, भारी खर्च के बावजूद कांग्रेस को चुनावी नतीजों में सफलता नहीं मिली। पार्टी ने सभी 70 सीटों पर उम्मीदवार उतारे, लेकिन एक भी सीट नहीं जीत सकी। इसके उलट, भाजपा ने 68 सीटों पर चुनाव लड़कर 48 सीटें जीतीं, जबकि आम आदमी पार्टी ने 70 सीटों पर मुकाबला कर 22 सीटों पर जीत हासिल की।
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