हिन्दुस्तान मिरर न्यूज़: सोमवार 9 जून 2025
गाजियाबाद। काशी विश्वनाथ-ज्ञानवापी, मथुरा श्रीकृष्ण जन्मभूमि-ईदगाह और संभल सहित कई प्रमुख मंदिर-मस्जिद विवादों में हिंदू पक्ष का प्रतिनिधित्व कर रहे अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने अब संविधान और अल्पसंख्यक नीतियों को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने संविधान की प्रस्तावना से ‘धर्मनिरपेक्ष’ और ‘समाजवादी’ शब्दों को हटाने, अल्पसंख्यक मंत्रालय और आयोग को समाप्त करने तथा धार्मिक स्थलों से जुड़े विवादों को शीघ्र निपटाने की मांग की है।
छत्रपति शिवाजी महाराज के 391वें राज्याभिषेक दिवस के अवसर पर आयोजित एक कार्यक्रम में जैन ने कहा कि “काशी, मथुरा, भोजशाला और संभल को जल्द से जल्द मुक्त कराया जाना चाहिए। संविधान की प्रस्तावना में ‘धर्मनिरपेक्ष’ और ‘समाजवादी’ जैसे शब्द आपातकाल के दौरान गलत तरीके से जोड़े गए थे, जिन्हें अब हटाया जाना चाहिए।”
धर्मांतरण और अनुच्छेद 29-30 पर सवाल
उन्होंने देश में बढ़ती धर्मांतरण की घटनाओं पर चिंता जताई और इसे रोकने के लिए कठोर कानून की आवश्यकता बताई। साथ ही संविधान के अनुच्छेद 29 और 30 पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि “अगर संविधान का अनुच्छेद 14 सभी नागरिकों को समानता का अधिकार देता है, तो अल्पसंख्यकों के लिए विशेष प्रावधान क्यों होने चाहिए? अल्पसंख्यक मंत्रालय और आयोग की कोई आवश्यकता नहीं है।”
मथुरा और अन्य विवादों का शीघ्र निपटारा
जैन ने कहा कि मथुरा श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद को फास्ट ट्रैक कोर्ट में जल्द से जल्द निपटाया जाए। उन्होंने दावा किया कि हिंदू पक्ष के पास सभी तथ्य और सबूत मौजूद हैं और अब समय आ गया है कि यह मामला निर्णायक मोड़ पर पहुंचे।