हिन्दुस्तान मिरर न्यूज़: 11अप्रैल: 2025,
उत्तर प्रदेश का तकनीकी परिदृश्य अब सिर्फ नोएडा तक सीमित नहीं रहा। अब लखनऊ और कानपुर भी आईटी और आईटीईएस सेक्टर में तेज़ी से उभरते हुए केंद्र बन रहे हैं। बीते आठ वर्षों में प्रदेश ने इस सेक्टर में जबरदस्त तरक्की की है।
27 हजार करोड़ के निवेश प्रस्ताव, 5600 करोड़ धरातल पर
आईटी-आईटीईएस क्षेत्र में उत्तर प्रदेश को अब तक कुल 27,000 करोड़ रुपये से अधिक के निवेश प्रस्ताव मिल चुके हैं। इनमें से 5,600 करोड़ रुपये के प्रस्ताव अब धरातल पर कार्यरत हैं, जिससे राज्य में रोजगार और तकनीकी बुनियादी ढांचे को मजबूती मिल रही है।
राज्य की जीएसडीपी में 3.2% योगदान, जल्द होगा 5% से अधिक
डिलॉयट की रिपोर्ट के अनुसार, उत्तर प्रदेश का आईटी-आईटीईएस सेक्टर राज्य के सकल घरेलू उत्पाद (GSDP) में वर्तमान में 3.2% का योगदान दे रहा है। भविष्य में इसके 5% से अधिक होने की संभावना है।
आईटी निर्यात में बड़ी छलांग: 75,000 करोड़ से अधिक
सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क्स ऑफ इंडिया (STPI) के माध्यम से वित्त वर्ष 2023-24 में राज्य से 43,000 करोड़ रुपये से अधिक का निर्यात हुआ। कुल आईटी निर्यात 75,000 करोड़ रुपये के आंकड़े को पार कर गया है।
नोएडा बना प्रमुख तकनीकी हब, माइक्रोसॉफ्ट का सबसे बड़ा कैंपस तैयार
नोएडा अब देश के प्रमुख आईटी हब्स में गिना जाता है। यहां 15 एकड़ में फैला माइक्रोसॉफ्ट का अत्याधुनिक रिसर्च कैंपस अमेरिका के बाहर कंपनी का सबसे बड़ा केंद्र है। इससे 15,000 से अधिक लोगों को रोजगार मिलेगा।
लखनऊ-कानपुर को नैसकॉम से मान्यता, आईबीएम खोल रहा लैब
नैसकॉम ने लखनऊ और कानपुर को ‘उभरते तकनीकी केंद्र’ के रूप में मान्यता दी है। लखनऊ में 258 एकड़ में आईटी सिटी विकसित की जा रही है, वहीं आईबीएम यहां एक अत्याधुनिक सॉफ्टवेयर लैब खोलने जा रही है जो AI और अन्य तकनीकी क्षेत्रों में कार्य करेगी।
आईटी सेक्टर को मिला उद्योग का दर्जा, स्टार्टअप्स को बढ़ावा
योगी सरकार ने राज्य में आईटी सेक्टर को उद्योग का दर्जा दिया है, जिससे बिजली दरों में रियायत और औद्योगिक भूमि तक आसान पहुंच सुनिश्चित हुई है। राज्य में अब 14,000 से अधिक स्टार्टअप्स पंजीकृत हैं। इसके अलावा मेडटेक, ब्लॉकचेन, टेलीकॉम, एआई, ड्रोन, और एडिटिव मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्रों में 70 इनक्यूबेटर और 7 उत्कृष्टता केंद्रों को मान्यता दी गई है।