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यूपी में मिलावटखोरों के पोस्टर पर सियासी तकरार, अखिलेश यादव ने योगी सरकार पर साधा निशाना

हिन्दुस्तान मिरर न्यूज़ ✑15 मई : 2025

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में नकली दवाओं और खाद्य सामग्री में मिलावट के खिलाफ सख्त कदम उठाने के योगी सरकार के फैसले ने सियासी बहस को जन्म दे दिया है। योगी आदित्यनाथ सरकार ने इस अपराध को ‘सामाजिक अपराध’ करार देते हुए मिलावटखोरों की तस्वीरें शहर के प्रमुख चौराहों पर लगाकर जनता को सचेत करने का निर्देश दिया है। इस कदम पर समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने तीखा तंज कसा है।

अखिलेश यादव ने इस फैसले को लेकर भाजपा सरकार पर कटाक्ष करते हुए कहा कि मिलावटखोरों के पोस्टर लगाने के बजाय सरकार को आईना लगाना चाहिए। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा,
“भाजपा वाले मिलावटखोरों को दर्शाने के लिए पोस्टर नहीं, आईना लगाएं। जब भाजपा वाले आईना लगाएंगे तो मिलावटखोर उनको सामने ही दिख जाएंगे।”
यह तंज इस ओर इशारा है कि मिलावटखोरों के खिलाफ कठोर कार्रवाई के बजाय खुद सरकार की नीतियों और कार्यशैली पर सवाल उठाए जा रहे हैं।

उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन (FSDA) के साथ उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक में निर्देश दिए कि दूध, घी, तेल, पनीर और अन्य रोजाना इस्तेमाल होने वाले खाद्य पदार्थों में मिलावट करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।
सीएम योगी ने कहा,
“आम जनता के स्वास्थ्य के साथ किसी भी तरह की खिलवाड़ को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।”

सरकार ने इस मामले में जीरो टॉलरेंस नीति अपनाते हुए कहा है कि नकली दवाओं और मिलावटी खाद्य सामग्री का व्यापार न सिर्फ अपराध है, बल्कि यह सामाजिक कलंक भी है। ऐसे लोगों की पहचान कर उनकी तस्वीरें शहर के चौराहों पर लगाई जाएंगी ताकि समाज में एक चेतावनी का संदेश जाए।

इस दिशा में सरकार ने एक विशेष टीम का गठन करने के आदेश भी दिए हैं, जो मिलावटखोरों की सक्रिय पहचान कर उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करेगी।

यूपी सरकार का यह कदम जनता के स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिहाज से सराहनीय माना जा रहा है, क्योंकि देश में मिलावटी खाद्य पदार्थों और नकली दवाओं की समस्या तेजी से बढ़ रही है। लेकिन समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव की टिप्पणी से साफ है कि यह मुद्दा अब सियासत की जंग का हिस्सा बन चुका है।

विशेषज्ञों का कहना है कि मिलावटखोरी जैसी कुप्रथा को रोकने के लिए सरकार को पारदर्शी और प्रभावी कार्रवाई करनी होगी, साथ ही जनता को जागरूक भी करना होगा।

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