हिन्दुस्तान मिरर न्यूज:
अलीगढ़ में विभाजन की विभीषिका पर गोष्ठी, चित्र प्रदर्शनी और मौन जुलूस का आयोजन
अलीगढ़ के भारतीय जनता पार्टी जिला कार्यालय में आज 1947 के भारत विभाजन की त्रासदी और उससे जुड़े भीषण घटनाक्रम को स्मरण करते हुए एक विशेष गोष्ठी, चित्र प्रदर्शनी और मौन जुलूस का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में वक्ताओं ने विभाजन के दौर में हुए नरसंहार, विस्थापन और मानवीय पीड़ा पर विस्तार से चर्चा की, साथ ही उस समय के राजनीतिक निर्णयों की आलोचना भी की।

प्रदेश महामंत्री का संबोधन — “विभाजन के खलनायक थे नेहरू”
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि, भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश महामंत्री श्री रामप्रताप सिंह चौहान ने अपने संबोधन में कहा कि “देश के विभाजन का सबसे बड़ा दोषी जवाहर लाल नेहरू था, जिसने न केवल भारत को दो हिस्सों में बांटा बल्कि कश्मीर को भी विवादित बनवाने की साजिश रची।” उन्होंने कहा कि कांग्रेस शासन ने देश के इतिहास में ऐसे घाव दिए, जो आज भी ताजे हैं।
चौहान ने विभाजन के दौरान हुए नरसंहार का जिक्र करते हुए कहा, “यह कोई खुशी का दिन नहीं है, बल्कि शोक और पीड़ा का दिन है। उस समय ट्रेन की ट्रेनें पाकिस्तान से हिंदुओं और सिखों की लाशों से भरी हुई भारत पहुंचाई गईं। हजारों परिवार उजड़ गए, लाखों लोग मारे गए और करोड़ों विस्थापित हो गए।”
साथ ही उन्होंने बताया कि उस समय लगभग 1.5 करोड़ लोग सीमा के दोनों ओर पलायन के लिए मजबूर हुए। करीब 10 से 15 लाख लोगों की जान गई, और लाखों महिलाएं व बच्चे शोषण का शिकार हुए।
विभाजन केवल भौगोलिक सीमाओं का बंटवारा नहीं था, बल्कि यह भाईचारे, विश्वास और संस्कृति का भी विभाजन था। आज 78 साल बाद भी इस त्रासदी की गूंज भारतीय समाज में सुनाई देती है।

चित्र प्रदर्शनी ने दिखाया विभाजन का दर्द
विभाजन की विभीषिका को और गहराई से महसूस कराने के लिए जिला कार्यालय में एक विशेष चित्र प्रदर्शनी भी लगाई गई। इस प्रदर्शनी का उद्घाटन प्रदेश महामंत्री श्री रामप्रताप सिंह चौहान ने किया। इसमें 1947 के विभाजन के दुर्लभ और दर्दनाक चित्र, समाचार कटिंग्स, शरणार्थियों की दुर्दशा और सीमा पर हुई त्रासद घटनाओं को प्रदर्शित किया गया था।
प्रदर्शनी में मौजूद लोगों ने इन तस्वीरों को देखकर भावुकता से प्रतिक्रिया दी। कई लोग पुराने किस्से याद करते हुए अपने परिजनों की पीड़ा साझा करते नजर आए।

मौन जुलूस से दी गई श्रद्धांजलि
इस अवसर पर भारतीय जनता पार्टी द्वारा मौन जुलूस भी निकाला गया। यह जुलूस विभाजन में शहीद हुए लाखों निर्दोष लोगों की याद में निकाला गया और शहर के प्रमुख मार्गों से गुजरते हुए समाप्त हुआ। जुलूस में शामिल लोगों ने हाथों में तख्तियां और बैनर लिए हुए थे, जिन पर ‘विभाजन की विभीषिका को भूलना नहीं’ और ‘शहीदों को नमन’ जैसे संदेश लिखे थे।

विशिष्ट अतिथियों की उपस्थिति
कार्यक्रम में अलीगढ़ के सांसद श्री सतीश गौतम विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। उन्होंने मीडिया से वार्ता करते हुए कहा कि विभाजन केवल एक राजनीतिक घटना नहीं थी, बल्कि यह करोड़ों भारतीयों के लिए जीवन और मृत्यु का सवाल बन गया था। उन्होंने कहा कि आज की पीढ़ी को इस त्रासदी के बारे में सही जानकारी देना जरूरी है, ताकि भविष्य में ऐसी परिस्थितियां न दोहराई जाएं।

अध्यक्षीय संबोधन और संचालन
कार्यक्रम की अध्यक्षता चौधरी कृष्णपाल सिंह ‘लाला प्रधान’ जी ने की। उन्होंने समापन सत्र में कहा कि विभाजन ने न केवल लाखों जिंदगियों को तबाह किया, बल्कि सामाजिक, सांस्कृतिक और आर्थिक ढांचे को भी गहरा आघात पहुंचाया। उन्होंने सभी से अपील की कि इस दिन को केवल एक ऐतिहासिक घटना के रूप में न देखें, बल्कि इसे आत्मचिंतन और एकता का प्रतीक बनाएं।
कार्यक्रम का संचालन भाजपा के वरिष्ठ नेता शिवनारायण शर्मा ने किया, जिन्होंने अतिथियों का स्वागत करते हुए विभाजन की विभीषिका को याद रखने की आवश्यकता पर जोर दिया।
कार्यक्रम में मौजूद प्रमुख लोग
इस मौके पर कार्यक्रम संयोजक ठा. हरेन्द्र सिंह, ठा. शल्यराज सिंह, जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती विजय सिंह, पूर्व जिलाध्यक्ष विक्रम सिंह हिंडोल, चौ. देवराज सिंह, श्रीमती सत्या सिंह, जिला मंत्री अवध सिंह बघेल, गौरव शर्मा, राकेश सिंह, हरीशंकर गौड़, अनेक पाल सिंह, एडवोकेट संजय चौधरी, आशीष गौड़, रोहिताश वर्मा, प्रदीप चौधरी सहित कई कार्यकर्ता एवं गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे