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यूपीएससी में चयनित हुई ग्लोकल विश्वविद्यालय की छात्रा अंजू भट्ट, मिला “ग्लोकल रत्न सम्मान”

हिन्दुस्तान मिरर | 25 अप्रैल 2025
सहारनपुर:
ग्लोकल विश्वविद्यालय, सहारनपुर की होनहार पूर्व छात्रा अंजू भट्ट ने संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की प्रतिष्ठित परीक्षा में सफलता प्राप्त कर न केवल अपने परिवार, बल्कि अपने विश्वविद्यालय और पूरे क्षेत्र का नाम गर्व से ऊँचा कर दिया है। अंजू भट्ट ने देशभर में 312वीं रैंक हासिल करते हुए यह सिद्ध कर दिया कि कड़ी मेहनत और मजबूत आत्मविश्वास के साथ कोई भी सपना साकार किया जा सकता है।

अंजू भट्ट ने वर्ष 2019 में ग्लोकल विश्वविद्यालय से कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग में बी.टेक किया था। पढ़ाई के दौरान ही वे प्रतिभा, अनुशासन और लक्ष्य के प्रति समर्पण के लिए जानी जाती थीं। उनका यह सपना वर्षों की मेहनत और लगन का परिणाम है।

“ग्लोकल रत्न सम्मान” से किया गया सम्मानित
इस गौरवपूर्ण उपलब्धि के लिए ग्लोकल विश्वविद्यालय द्वारा एक भव्य सम्मान समारोह का आयोजन किया गया, जिसमें विश्वविद्यालय के अतिरिक्त प्रतिकुलाधिपति सैयद निज़ामुद्दीन, कुलसचिव प्रोफेसर शिवानी तिवारी और प्रतिकुलपति आयुष प्रोफेसर जॉन फिन्बे ने अंजू भट्ट को “ग्लोकल रत्न सम्मान” से सम्मानित किया।

इस दौरान विश्वविद्यालय परिसर उत्साह और गर्व से गूंज उठा। मंच पर अंजू भट्ट की उपस्थिति ने सभी विद्यार्थियों और शिक्षकों को प्रेरणा से भर दिया। अंजू ने अपने संबोधन में कहा, “यह सफलता केवल मेरी नहीं, बल्कि मेरे माता-पिता, शिक्षकों और संस्थान की है जिन्होंने मुझे हर कदम पर मार्गदर्शन और सहयोग दिया।”

उत्साह से भर गया विश्वविद्यालय परिसर
इस समारोह में अंजू भट्ट के माता-पिता और परिवार के अन्य सदस्य भी विशेष रूप से उपस्थित रहे। साथ ही ग्लोकल विश्वविद्यालय के डी.एस.डब्लू. प्रोफेसर शोभा त्रिपाठी, चीफ प्रॉक्टर जमीरूल इस्लाम, वोकेशनल स्टडी स्कूल की डीन डॉ. रेशमा ताहिर, डिप्टी रजिस्ट्रार सलमा खान, कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग विभाग के डीन प्रो. मजहर अफ़ज़ल, मैनेजमेंट विभाग के डीन डॉ. विजय कुमार, सभी विभागों के विभागाध्यक्ष, शिक्षकगण तथा बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं भी मौजूद रहे।

अन्य विद्यार्थियों के लिए बनी प्रेरणा
अंजू भट्ट की यह उपलब्धि इस बात का प्रमाण है कि दृढ़ निश्चय, कठिन परिश्रम और आत्मविश्वास से कोई भी विद्यार्थी जीवन में बड़ी से बड़ी सफलता प्राप्त कर सकता है। उनकी सफलता न केवल विश्वविद्यालय के लिए गर्व का विषय है, बल्कि वह आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणास्रोत भी हैं।

ग्लोकल विश्वविद्यालय ने यह भी घोषणा की कि भविष्य में अंजू भट्ट जैसे मेधावी छात्रों को प्रेरित करने के लिए “ग्लोकल रत्न सम्मान” को एक वार्षिक परंपरा के रूप में मनाया जाएगा। यह सम्मान उन छात्रों को दिया जाएगा जो शिक्षा, समाज सेवा या अन्य क्षेत्रों में विश्वविद्यालय और समाज का नाम रोशन करें।

समापन पर गूंजा तालियों का शोर
समारोह के समापन पर पूरे सभागार में तालियों की गूंज थी, जो अंजू भट्ट की सफलता और उनके संघर्ष की गाथा को सलामी दे रही थी। यह दिन ग्लोकल विश्वविद्यालय के इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों में दर्ज हो गया — जब एक पूर्व छात्रा ने देश की सबसे कठिन परीक्षा पास कर एक नई मिसाल कायम की।

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