हिन्दुस्तान मिरर न्यूज:
अलीगढ़, 11 सितम्बरः अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के मनोरोग विभाग द्वारा विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस पर एक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य उच्च शिक्षा में मानसिक स्वास्थ्य सहयोग की तत्काल आवश्यकता पर ध्यान केंद्रित करना था। इसमें छात्रों, शिक्षकों और विशेषज्ञों ने आत्महत्या के कारणों, परिणामों और रोकथाम की रणनीतियों पर चर्चा की।
कार्यक्रम की मुख्य अतिथि और एएमयू की कुलपति, प्रो. नइमा खातून ने कहा कि एक समावेशी और सहयोगी शैक्षणिक वातावरण बनान अमुवि प्रशासन की पहली प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि आत्महत्या रोकथाम एक साझा सामाजिक जिम्मेदारी है, जिसमें परिवार, शिक्षक, स्वास्थ्यकर्मी और नीति-निर्माता सबको मिलकर कार्य करना होगा।

मानद अतिथि, प्रो. मोहम्मद हबीब रज़ा (डीन, फैकल्टी ऑफ मेडिसिन और प्रिंसिपल, जेएनएमसीएच) ने मेडिकल शिक्षा और सामुदायिक जागरूकता में मानसिक स्वास्थ्य विषय को शामिल करने की आवश्यकता पर बल दिया।
स्वागत भाषण में मनोरोग विभागाध्यक्ष, डॉ. मोहम्मद रियाज़ुद्दीन ने भारत में छात्रों के बीच आत्महत्याओं की बढ़ती घटनाओं पर चिंता व्यक्त की और शैक्षणिक संस्थानों से आह्वान किया कि वे मानसिक स्वास्थ्य सहयोग को मजबूत करें, समय पर पहचान और उपचार सुनिश्चित करें।
डॉ. रियाज़ुद्दीन ने कहा कि एएमयू का यह आयोजन वैश्विक पहलों के अनुरूप है, जिनका उद्देश्य शिक्षा, जागरूकता और कलंक मिटाने के माध्यम से आत्महत्या कम करना है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालयों को सुरक्षित स्थान बनना चाहिए जहाँ छात्र बिना भय या कलंक के परामर्श और मार्गदर्शन प्राप्त कर सकें।
शैक्षणिक सत्र में डॉ. फैसल शान ने आत्महत्या के जोखिम कारकों, शुरुआती चेतावनी संकेतों और सहयोगी तंत्र बनाने की आवश्यकता पर प्रस्तुति दी। उन्होंने बताया कि समय पर परामर्श और खुले संवाद से कई जीवन बचाए जा सकते हैं।
कार्यक्रम की मुख्य आकर्षण आत्महत्या रोकथाम पोस्टर प्रतियोगिता रही, जिसका संचालन डॉ. सरमद अज़ीज़ ने किया। इसमें तान्या यादव ने पहला स्थान प्राप्त किया। मोहम्मद आसिफ और सैयद मोहम्मद मूसा ने संयुक्त रूप से दूसरा स्थान जीता, जबकि कासिब ज़फ़र और मेहविश मसूद को संयुक्त रूप से तीसरा पुरस्कार मिला।
कार्यक्रम का संचालन डॉ. श्रेया अग्रवाल ने किया और धन्यवाद ज्ञापन डॉ. जितेन्द्र कुमार ने किया।
मनोरोग विभाग ने छात्रों, शिक्षकों, प्रशासकों और अभिभावकों सहित सभी से अपील की है कि वे उच्च शिक्षा संस्थानों में आत्महत्या पर राष्ट्रीय सर्वेक्षण (ीजजचेरूध्ध्दजण्मिकनबंजपवदण्हवअण्प) में सक्रिय रूप से भाग लें, ताकि सामूहिक सुझाव नीतियों के निर्माण में सहायक हो सकें।















