हिन्दुस्तान मिरर न्यूज़: 29 अप्रैल: 2025,
बरेली: बरेली के आईवीआरआई रोड पर स्थित भाजपा नेता हरिशंकर गंगवार की मार्केट को बरेली विकास प्राधिकरण (बीडीए) द्वारा शनिवार को ढहा दिए जाने के बाद मामला तूल पकड़ गया है। व्यापारियों ने इस कार्रवाई को जल्दबाजी में लिया गया फैसला बताया है और बीडीए अधिकारियों पर भाजपा नेता से मिलीभगत का आरोप लगाया है।
15 दिन की मोहलत वाले नोटिस के बाद 2 दिन में ही ढहा दी गई बिल्डिंग
व्यापारियों का कहना है कि बीडीए ने 23 अप्रैल को मार्केट के भवन स्वामी हरिशंकर गंगवार और गीता गंगवार को नोटिस जारी किया था, जिसमें आवश्यक कागजात प्रस्तुत करने के लिए 15 दिन का समय दिया गया था। लेकिन दो दिन के भीतर ही मार्केट को गिरा दिया गया। इसको लेकर व्यापारियों ने नोटिस की कॉपी भी सार्वजनिक की है और इसे प्रशासनिक असंवेदनशीलता बताया है।
भवन स्वामी ने कहा- नहीं करानी कंपाउंडिंग, बीडीए ने बताया कार्रवाई को वैध

बीडीए उपाध्यक्ष मनिकंडन ए ने कहा कि नोटिस के जवाब में भवन स्वामी ने खुद लिखित रूप में कहा था कि वह कंपाउंडिंग नहीं कराना चाहते, इसलिए नोटिस की वैधता समाप्त हो गई। इसी के आधार पर बीडीए ने ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की। बीडीए के मुताबिक, भवन स्वामी को इस कार्रवाई पर कोई आपत्ति नहीं थी।
व्यापारियों का आरोप: भाजपा नेता ने खुद करवाई मार्केट खाली, बीडीए से थी सांठगांठ
दुकानदारों का कहना है कि मार्केट का नक्शा स्वीकृत था, लेकिन बीडीए ने गलत आधार पर ध्वस्तीकरण किया। उनका आरोप है कि भाजपा नेता हरिशंकर गंगवार ने सत्ता पक्ष से होने के चलते बीडीए से सांठगांठ कर खुद ही मार्केट को खाली कराया, जिससे किरायेदारों को निकाला जा सके।
उद्योग व्यापार प्रतिनिधिमंडल ने जताया विरोध, 30 अप्रैल से बड़े प्रदर्शन की तैयारी

शनिवार को ध्वस्तीकरण से पहले व्यापार प्रतिनिधिमंडल के पदाधिकारी बीडीए कार्यालय पहुंचे थे, जहाँ उपाध्यक्ष से बहस हुई। व्यापारियों ने धरना भी दिया। अधिकारियों की बातों पर भरोसा कर वे लौटे, लेकिन उसी शाम मार्केट तोड़ दी गई। अब व्यापार मंडल के सभी गुट एकजुट होकर 30 अप्रैल से बड़े विरोध प्रदर्शन की योजना बना चुके हैं। इसकी रूपरेखा तैयार है, लेकिन सार्वजनिक नहीं की गई है।
पुलिस की मौजूदगी में हुई कार्रवाई, मौके पर हुआ तनाव
कार्रवाई से पहले पुलिस की टीम मौके पर तैनात रही। दोपहर में बीडीए उपाध्यक्ष से हुई नोकझोंक के बाद, पुलिस ने व्यापारियों और बीडीए अधिकारियों के बीच बातचीत कराई, लेकिन शाम को बिना किसी पूर्व सूचना के कार्रवाई कर दी गई, जिससे तनाव बढ़ गया।