हिन्दुस्तान मिरर न्यूज:
साल 2025 टेक सेक्टर के लिए झटकों से भरा साबित हो रहा है। Layoffs.fyi की रिपोर्ट के अनुसार, जनवरी से अब तक 218 कंपनियों में 1,12,000 से ज्यादा कर्मचारियों की छंटनी हो चुकी है। यह लेऑफ ट्रेंड अमेरिका से लेकर भारत, यूरोप और एशिया तक फैल गया है। इसकी सबसे बड़ी वजह बनी है AI और ऑटोमेशन, जिसने पारंपरिक नौकरियों को तेजी से खत्म कर दिया है।
अमेजन में 30,000 की छंटनी
अमेजन ने इतिहास का सबसे बड़ा लेऑफ ड्राइव चलाते हुए करीब 30,000 कॉरपोरेट कर्मचारियों को बाहर किया। कंपनी के CEO एंडी जैसी के अनुसार, यह कदम “AI-ड्रिवन ऑटोमेशन” और “ओवर-हायरिंग” को सुधारने के लिए उठाया गया। सबसे ज्यादा असर AWS, ऑपरेशंस और HR डिपार्टमेंट्स पर पड़ा।
इंटेल ने 24,000 लोगों को निकाला
चिप निर्माता इंटेल ने अपनी वर्कफोर्स का लगभग 22% यानी 24,000 कर्मचारियों को नौकरी से निकाला। CEO लिप-बू टैन ने बताया कि बढ़ती प्रतिस्पर्धा और AI सिस्टम्स पर फोकस करने की जरूरत ने यह कदम जरूरी बना दिया। अमेरिका, जर्मनी, पोलैंड और कोस्टा रिका में छंटनी की गई।
भारत में भी AI का असर – TCS ने घटाई 20,000 नौकरियां
भारत की प्रमुख IT कंपनी TCS ने सितंबर तिमाही में 19,755 कर्मचारियों को बाहर किया। यह कंपनी के इतिहास की सबसे बड़ी कटौती है। कंपनी अब AI आधारित प्रोजेक्ट्स पर ध्यान दे रही है, जिससे पुराने स्किल वाले मिड और सीनियर लेवल कर्मचारियों की मांग घट गई है।
माइक्रोसॉफ्ट, गूगल और सेल्सफोर्स में भी असर
माइक्रोसॉफ्ट ने करीब 9,000 कर्मचारियों को हटाया, जबकि गूगल ने क्लाउड, एंड्रॉयड और टीवी डिवीजन में सैकड़ों रोल्स खत्म किए। वहीं, सेल्सफोर्स ने सपोर्ट टीम में 4,000 पदों को ऑटोमेशन के चलते हटा दिया, क्योंकि अब उसके 50% से ज्यादा कस्टमर क्वेरीज AI खुद संभाल रहे हैं।
AI और ऑटोमेशन जहां कंपनियों को अधिक सक्षम बना रहे हैं, वहीं लाखों टेक पेशेवरों के लिए यह संकट का कारण बन गए हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले महीनों में यह ट्रेंड और तेज हो सकता है, अगर स्किल अपग्रेडेशन पर जोर नहीं दिया गया।













