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चुनावी खर्च में भाजपा सबसे आगे, प्रचार पर खर्च हुआ सबसे ज्यादा: एडीआर रिपोर्ट

हिन्दुस्तान मिरर न्यूज: शुक्रवार 20 जून 2025

एडीआर की रिपोर्ट से खुला राजनीतिक दलों के खर्च का लेखा-जोखा, पारदर्शिता पर उठे सवाल

नई दिल्ली। एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) की ताज़ा रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि 2024 के लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने सबसे अधिक लगभग 1,494 करोड़ रुपये खर्च किए, जो कुल चुनावी व्यय का 44.56 प्रतिशत है। इसके बाद कांग्रेस ने 620 करोड़ रुपये, यानी 18.5 प्रतिशत खर्च किया।

रिपोर्ट के मुताबिक, 16 मार्च से 6 जून 2024 के बीच लोकसभा चुनाव और चार राज्यों—आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, ओडिशा और सिक्किम—के विधानसभा चुनावों में 32 राष्ट्रीय और क्षेत्रीय दलों ने कुल 3,352.81 करोड़ रुपये खर्च किए। इसमें से राष्ट्रीय दलों का योगदान 2,204 करोड़ रुपये रहा, जो कुल व्यय का 65.75 प्रतिशत है।

प्रचार में सबसे अधिक खर्च

चुनाव प्रचार पर राजनीतिक दलों ने सबसे अधिक 2,008 करोड़ रुपये (कुल खर्च का 53%) खर्च किए। यात्रा व्यय 795 करोड़ और उम्मीदवारों को एकमुश्त भुगतान 402 करोड़ रुपये रहा।

  • वर्चुअल कैंपेनिंग पर 132 करोड़ रुपये
  • आपराधिक पृष्ठभूमि प्रकाशित करने पर 28 करोड़ रुपये खर्च किए गए।
    स्टार प्रचारकों की यात्राओं पर 765 करोड़ रुपये, जबकि अन्य नेताओं की यात्रा पर मात्र 30 करोड़ रुपये खर्च हुए।

रिपोर्ट में सामने आई पारदर्शिता की कमी

एडीआर ने रिपोर्ट में कहा कि अधिकांश दलों ने चुनाव खर्च का विवरण देरी से दाखिल किया।

  • आप ने 168 दिन बाद रिपोर्ट दी,
  • भाजपा ने 139 से 154 दिन बाद राज्यवार विवरण जमा किया।
    सिर्फ कांग्रेस ने समय पर समेकित रिपोर्ट दाखिल की।

कई दलों का ब्योरा गायब

रिपोर्ट के अनुसार, 21 दलों की रिपोर्ट चुनाव आयोग की वेबसाइट पर उपलब्ध नहीं है। इनमें राकांपा, माकपा, झामुमो, शिवसेना (यूबीटी) शामिल हैं।
कुछ दलों जैसे पीडीपी और केरल कांग्रेस (एम) ने चुनाव लड़ा लेकिन खर्च शून्य बताया।

एडीआर की सिफारिशें

एडीआर ने चुनावों में काले धन पर रोक लगाने के लिए सुझाव दिया है कि सभी खर्च चेक, डिमांड ड्राफ्ट या आरटीजीएस के माध्यम से हों। साथ ही, राजनीतिक दलों के खर्च की निगरानी के लिए स्वतंत्र पर्यवेक्षकों की नियुक्ति की मांग की है, जैसे उम्मीदवारों के लिए की जाती है।

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