प्रशासन पर लगाया तानाशाही और बर्बरता का आरोप, 30-40% फीस वृद्धि को बताया अवैध
अलीगढ़,हिन्दुस्तान मिरर न्यूज, 6 अगस्त 2025
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) में फीस वृद्धि को लेकर छात्रों का विरोध लगातार उग्र होता जा रहा है। चौथे दिन भी यूनिवर्सिटी के अंदर माहौल तनावपूर्ण बना रहा। बुधवार को सैकड़ों छात्राओं ने विश्वविद्यालय परिसर में ‘ब्लैक मार्च’ निकाला और प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
छात्राएं हाथों में काली पट्टियां, तख्तियां और बैनर लेकर मार्च में शामिल हुईं। उन्होंने विश्वविद्यालय प्रशासन से मांग की कि हाल ही में की गई 30 से 40 प्रतिशत तक की फीस वृद्धि को तुरंत वापस लिया जाए। साथ ही छात्राओं ने प्रॉक्टोरियल टीम पर आरोप लगाया कि विरोध प्रदर्शन के दौरान उनके साथ धक्का-मुक्की और अभद्रता की गई।
प्रदर्शनकारी छात्राओं ने बताया कि कुछ छात्राएं विरोध के दौरान बेहोश हो गईं, लेकिन प्रशासन की ओर से कोई मेडिकल सहायता मुहैया नहीं कराई गई। मजबूरन उन्हें निजी डॉक्टरों को बुलाकर इलाज कराना पड़ा। छात्राओं ने इस रवैये को प्रशासन की “तानाशाही” और “बर्बरता” करार दिया।
प्रदर्शन कर रहीं छात्राओं का कहना है कि यह वृद्धि न केवल मनमानी है, बल्कि पूरी तरह अवैध भी है। उन्होंने कहा कि देश के किसी अन्य केंद्रीय विश्वविद्यालय में इतनी ज्यादा फीस नहीं बढ़ाई गई है। इस फैसले से आर्थिक रूप से कमजोर छात्राओं पर भारी बोझ पड़ा है, जिससे उनकी शिक्षा बाधित होने का खतरा है।
छात्रसंघ न होने को बताया बड़ा कारण
छात्राओं का मानना है कि यदि विश्वविद्यालय में छात्रसंघ सक्रिय होता, तो छात्रों के हितों की रक्षा होती और ऐसी एकतरफा नीतियां नहीं बनतीं। उन्होंने प्रशासन पर जानबूझकर छात्रसंघ चुनाव टालने का आरोप लगाया ताकि छात्र आवाज न उठा सकें।
महिला वाइस चांसलर पर भी सवाल
प्रदर्शन कर रही छात्राओं ने यह भी कहा कि एएमयू के इतिहास में पहली बार महिला वाइस चांसलर की नियुक्ति हुई है, लेकिन इसके बावजूद छात्रों की समस्याओं का समाधान नहीं हो रहा। उन्होंने कहा कि नेतृत्व परिवर्तन से कोई खास फर्क नहीं पड़ा है।
प्रॉक्टोरियल टीम का रवैया सवालों के घेरे में
छात्राओं ने बताया कि जब वे प्रदर्शन के लिए बाब-ए-सैयद पर पहुंचीं तो प्रॉक्टोरियल टीम का कोई वरिष्ठ अधिकारी सामने नहीं आया। कुछ सदस्य केवल गेट के बाहर खड़े दिखाई दिए, लेकिन उन्होंने छात्राओं से कोई संवाद नहीं किया।
पीएम और सीएम से लगाई मदद की गुहार
छात्राओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से अपील की है कि वे इस मामले में हस्तक्षेप करें और छात्रों को राहत दिलाएं। उनका कहना है कि न्याय की उम्मीद अब केवल शीर्ष नेतृत्व से ही है।
प्रशासन की ओर से कोई बयान नहीं
अब तक विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से इस पूरे विवाद पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी गई है। छात्रों की नाराजगी और विरोध प्रदर्शन के बीच प्रशासन की चुप्पी कई सवाल खड़े कर रही है।
स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं छात्र
छात्राओं ने साफ किया है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, वे आंदोलन जारी रखेंगी। फीस वृद्धि को लेकर छात्रों का आक्रोश बढ़ता जा रहा है और आने वाले दिनों में यह प्रदर्शन और व्यापक रूप ले सकता है।