हिन्दुस्तान मिरर न्यूज़: 14 मई : 2025,
नई दिल्ली/अटारी: भारत-पाकिस्तान के बीच जारी तनावपूर्ण हालातों के बीच “ऑपरेशन सिंदूर” के तहत एक बड़ी राहत भरी खबर सामने आई है। सीमा सुरक्षा बल (BSF) के जवान पूर्णम कुमार साहू को पाकिस्तान ने 21 दिनों की कैद के बाद भारत को लौटा दिया है। वह 23 अप्रैल 2025 को गलती से सीमा पार कर पाकिस्तान की सीमा में चले गए थे, जिसके बाद उन्हें पाकिस्तानी रेंजर्स ने हिरासत में ले लिया था।
कैसे हुआ जवान का पाकिस्तान में प्रवेश?
छत्तीसगढ़ निवासी पूर्णम कुमार साहू पंजाब सेक्टर में तैनात थे। 23 अप्रैल को पेट्रोलिंग के दौरान वह गलती से अंतरराष्ट्रीय सीमा पार कर पाकिस्तान पहुंच गए। यह मामला संज्ञान में आते ही बीएसएफ और अन्य एजेंसियां सक्रिय हो गईं। पाकिस्तान की तरफ से जवान को पकड़ने और हिरासत में लेने की पुष्टि की गई थी।
पाकिस्तान की हिरासत में 21 दिन
जवान साहू को पाकिस्तान की आर्मी इंटेलिजेंस ने हिरासत में रखा और उनसे पूछताछ की गई। हालांकि, भारतीय अधिकारियों ने शुरू से ही स्पष्ट किया कि यह एक मानवीय भूल थी और कोई दुर्भावनापूर्ण इरादा नहीं था। भारत ने लगातार राजनयिक और सैन्य स्तर पर जवान की वापसी की मांग की।
Operation Sindoor के तहत वापसी
लगातार बातचीत और कूटनीतिक प्रयासों के बाद 13 मई 2025 को पाकिस्तान ने पूर्णम कुमार साहू को अटारी-वाघा बॉर्डर के जरिए भारत को सौंप दिया। इस रिहाई को “ऑपरेशन सिंदूर” नाम दिया गया, जिसे बीएसएफ और अन्य भारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने गुप्त रूप से अंजाम दिया।
बीएसएफ का बयान
बीएसएफ के अधिकारियों ने जवान की सुरक्षित वापसी पर संतोष जताया है। अधिकारियों ने कहा, “हम अपने जवान की वापसी से बेहद खुश हैं। यह मामला पूरी तरह एक मानवीय त्रुटि का परिणाम था और हम पाकिस्तान के सहयोग की सराहना करते हैं।”
परिवार और देश में खुशी की लहर
पूर्णम कुमार साहू की रिहाई की खबर मिलते ही उनके परिजनों और गांव में जश्न का माहौल है। गांव वालों ने ढोल-नगाड़ों और मिठाइयों के साथ उनका स्वागत करने की तैयारी कर ली है। बीएसएफ ने साहू को मेडिकल चेकअप के लिए भेजा है और अब वे जल्द ही अपने परिवार से मिलेंगे।