हिन्दुस्तान मिरर न्यूज:
आगरा। मथुरा रिफाइनरी में तेल माफियाओं ने चोरी का नया तरीका खोज निकाला है। अब पाइपलाइन से चोरी की बजाय रिफाइनरी के अंदर ही सेटिंग कर टैंकरों में निर्धारित मात्रा से अधिक पेट्रोल और डीजल भरा जा रहा है। बाद में रास्ते में ढाबों और खेतों में टैंकर रोककर अतिरिक्त तेल निकाल लिया जाता है। खास बात यह है कि टैंकरों के इलेक्ट्रॉनिक वाल्व से कोई छेड़छाड़ नहीं की जाती, जिससे चोरी का पता लगाना मुश्किल हो जाता है। बताया गया है कि इस खेल में आधा दर्जन से अधिक टैंकर स्वामी सक्रिय हैं।
24 सितंबर की रात रायभा अछनेरा स्थित अर्जुन एंटरप्राइजेज पेट्रोल पंप पर मथुरा रिफाइनरी से पुलराज ट्रेडर्स के माध्यम से एक टैंकर पहुंचा। कागजों में नौ हजार लीटर पेट्रोल और तीन हजार लीटर डीजल दर्ज था, लेकिन जांच में निर्धारित मात्रा से अधिक पेट्रोल-डीजल पाया गया। पेट्रोल पंप संचालक अनुराग अग्रवाल ने इसकी शिकायत इंडियन ऑयल कारपोरेशन (IOC) से की। 26 सितंबर को आईओसी टीम मौके पर पहुंची और टैंकर को अपने साथ ले गई। इस दौरान भाजपा विधायक चौधरी बाबूलाल के बेटे डॉ. रामेश्वर चौधरी ने अनुराग पर अतिरिक्त तेल निकालने का दबाव भी डाला।
यह कोई पहला मामला नहीं है। दिसंबर 2024 में रिफाइनरी के सामने ढाबे पर तीन टैंकरों से तेल चोरी करते पकड़े गए थे। वहीं सितंबर 2024 में राया के पास चार टैंकरों से तेल निकालते हुए चालक और परिचालक को हिरासत में लिया गया था। सवा साल पहले भी इसी तरह की गड़बड़ी पर रिफाइनरी के कई अधिकारियों पर कार्रवाई हुई थी, लेकिन बाद में मामला दबा दिया गया।
रिफाइनरी से रोजाना करीब 200 टैंकर पेट्रोल-डीजल लेकर आगरा, फिरोजाबाद, मैनपुरी, हरियाणा और दिल्ली भेजे जाते हैं। तेल भरते समय ही यह सेटिंग की जाती है। अधिकारियों की भूमिका पर सवाल उठने के बावजूद अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। रिफाइनरी के डीजीएम संजय कुमार से संपर्क करने की कोशिश की गई, लेकिन उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया। आगरा मंडल अधिकारी जाहिद सईद ने बताया कि रिपोर्ट अभी तक उनके पास नहीं पहुंची है