️हिन्दुस्तान मिरर | 7 जुलाई 2025
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 9 जून 2024 को तीसरी बार देश के प्रधानमंत्री पद की शपथ ली थी। अब उनके तीसरे कार्यकाल का पहला साल पूरा होने जा रहा है। इस एक साल के भीतर केंद्र सरकार की कार्यशैली, योजनाओं और प्रतिनिधित्व को लेकर चर्चा तेज हो गई है। खासकर बिहार से केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल नेताओं और आगामी संभावित चेहरों को लेकर राजनीतिक हलकों में सरगर्मी तेज है।
बिहार से 8 नेताओं को मिला था मंत्री पद
2024 में जब नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री पद की शपथ ली, तो उनके साथ बिहार के 8 नेताओं ने भी केंद्रीय मंत्री पद की शपथ ली थी। इनमें जीतन राम मांझी, ललन सिंह, गिरिराज सिंह और चिराग पासवान को कैबिनेट मंत्री बनाया गया था। वहीं रामनाथ ठाकुर, नित्यानंद राय, राज भूषण निषाद और सतीश चंद्र दुबे ने राज्य मंत्री के रूप में शपथ ली थी। इस तरह से बिहार को केंद्र में मजबूत प्रतिनिधित्व दिया गया, जिससे राज्य में बीजेपी और सहयोगी दलों की स्थिति मजबूत हुई।
उपेंद्र कुशवाहा की वापसी तय मानी जा रही
अब जब मानसून सत्र से पहले मोदी सरकार कैबिनेट का पहला विस्तार करने जा रही है, तो बिहार से एक और नेता की एंट्री लगभग तय मानी जा रही है। राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (RLSP) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद उपेंद्र कुशवाहा को केंद्रीय मंत्री बनाए जाने की पूरी संभावना है।
इसके पीछे राजनीतिक समीकरण साफ हैं। इस साल के अंत में बिहार विधानसभा चुनाव होने हैं और बीजेपी की कोशिश है कि कुशवाहा समाज को अपने पाले में रखा जाए। उपेंद्र कुशवाहा को मंत्री बनाकर बीजेपी यह संदेश देना चाहती है कि वह बिहार की सामाजिक संरचना में कुशवाहा जाति को सबसे अधिक प्रतिनिधित्व देती है।
पहले भी रह चुके हैं मोदी सरकार में मंत्री
उपेंद्र कुशवाहा इससे पहले 2014 से 2018 तक मोदी सरकार में मानव संसाधन विकास मंत्रालय में राज्य मंत्री के रूप में कार्य कर चुके हैं। हालांकि 10 दिसंबर 2018 को उन्होंने कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया था और एनडीए से भी अलग हो गए थे। अब 2025 में एक बार फिर उनकी वापसी की पूरी संभावना बन रही है। यह वापसी केवल उनकी राजनीतिक सक्रियता ही नहीं बल्कि बिहार चुनाव से पहले बीजेपी की रणनीतिक चाल भी मानी जा रही है।
बिहार से केंद्रीय राजनीति में यह नई हलचल राज्य की राजनीति में नए समीकरणों को जन्म दे सकती है