हिन्दुस्तान मिरर न्यूज:12 जुलाई 2025
रामपुर कोर्ट ने गंभीर धाराओं में चार्जशीट स्वीकार की
रामपुर में शत्रु संपत्ति से जुड़े एक पुराने मामले में समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और सीतापुर जेल में बंद आज़म ख़ान की मुश्किलें और बढ़ गई हैं। रामपुर पुलिस ने इस मामले में उनके खिलाफ कोर्ट में एडिशनल चार्जशीट दाखिल की है, जिसे कोर्ट ने 11 जुलाई को स्वीकार कर लिया।
चार्जशीट में भारतीय दंड संहिता की धारा 467 (जालसाज़ी), 468 (धोखाधड़ी के उद्देश्य से जालसाज़ी) और 471 (कूटरचित दस्तावेज का प्रयोग) जैसी गंभीर धाराएं जोड़ी गई हैं। यह मामला रामपुर के अलीगंज क्षेत्र में स्थित शत्रु संपत्ति से जुड़ा है, जो 1947 में पाकिस्तान गए इमामुद्दीन कुरैशी के नाम दर्ज थी और बाद में सरकारी कब्जे में आ गई थी।
पुलिस का आरोप है कि सरकारी रिकॉर्ड्स में हेराफेरी कर फर्जी दस्तावेज तैयार किए गए, जिससे ज़मीन को निजी स्वामित्व में दिखाया गया। चार्जशीट में आज़म ख़ान के बेटे अब्दुल्ला आज़म को भी सह-आरोपी बनाया गया है।
गौरतलब है कि पहले इस मामले में आज़म ख़ान को क्लीन चिट दी गई थी, लेकिन शासन स्तर से दोबारा जांच के आदेश के बाद नए सबूतों के आधार पर यह चार्जशीट तैयार की गई। कोर्ट ने चार्जशीट स्वीकार करते हुए गिरफ्तारी वारंट भी जारी किए हैं।
इससे पहले भी आज़म ख़ान पर जौहर यूनिवर्सिटी से जुड़े कई मामले चल रहे हैं, जिनमें फर्जी जन्म प्रमाणपत्र और ज़मीन कब्जे जैसे आरोप शामिल हैं। इस नई कार्रवाई से साफ है कि आज़म खान के लिए कानूनी मोर्चे पर संकट और गहरा गया है।