हिन्दुस्तान मिरर न्यूज़ ✑ 23 मई : 2025
लखनऊ/नई दिल्ली – उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शुक्रवार शाम राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के लिए रवाना होंगे। यह दौरा कई दृष्टियों से बेहद अहम माना जा रहा है, खासकर ऐसे समय में जब “ऑपरेशन सिंदूर” जैसी कार्रवाइयों के बाद प्रदेश की राजनीतिक और प्रशासनिक गतिविधियां तेज़ हो गई हैं।
मुख्यमंत्री का यह दौरा दो प्रमुख बैठकों के लिए तय है। शनिवार, 24 मई को वह नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल की बैठक में शामिल होंगे, जहां राष्ट्रीय विकास, आर्थिक नीतियों, सहकारी संघवाद और राज्यों की भागीदारी जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा होगी। इसके अलावा, 25 मई को एनडीए शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों की बैठक भी प्रस्तावित है, जिसमें गठबंधन की रणनीति और आगामी लोकसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर मंथन होगा।
दिल्ली में हो सकती हैं शीर्ष नेताओं से मुलाकातें
सूत्रों के मुताबिक, दिल्ली प्रवास के दौरान सीएम योगी की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह और भाजपा के अन्य वरिष्ठ नेताओं से भी मुलाकातें तय मानी जा रही हैं। इन मुलाकातों में प्रदेश की कानून-व्यवस्था, विकास परियोजनाओं की प्रगति, और राजनीतिक रणनीतियों को लेकर गहन विमर्श संभावित है।
प्रदेश में लंबे समय से मंत्रीमंडल के विस्तार को लेकर चर्चाएं चल रही हैं, जो अब दिल्ली में शीर्ष नेतृत्व से बातचीत के बाद किसी ठोस रूप में सामने आ सकती हैं। इसके अलावा, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष पद को लेकर भी फैसला इस दौरे के दौरान हो सकता है, क्योंकि यह पद अभी भी खाली है।
इस संदर्भ में कई विधायकों और नेताओं की दिल्ली में सक्रियता भी देखने को मिल रही है। लखनऊ से दिल्ली तक नेताओं की पैरवी तेज हो चुकी है, जिससे संकेत मिलते हैं कि मुख्यमंत्री के इस दौरे में कई राजनीतिक समीकरणों में फेरबदल संभव है।
डीजीपी की नियुक्ति पर बड़ा निर्णय संभव
एक और बड़ा मुद्दा जो मुख्यमंत्री की इस यात्रा में चर्चा का विषय हो सकता है, वह है यूपी के नए डीजीपी की नियुक्ति। मौजूदा कार्यवाहक डीजीपी प्रशांत कुमार 31 मई 2025 को सेवानिवृत्त हो रहे हैं। ऐसे में प्रदेश सरकार के लिए यह निर्णय बेहद अहम है। हाल ही में पारित डीजीपी चयन नियमावली 2024 के तहत अब चयन समिति को उपयुक्त आईपीएस अधिकारी की नियुक्ति करनी है।
हालांकि सूत्र यह भी बता रहे हैं कि प्रशांत कुमार के कार्यकाल को विस्तारित करने पर भी विचार किया जा सकता है, जो इस मामले को और भी रोचक बना देता है।
पंचायत चुनाव और 2027 विधानसभा की रणनीति भी एजेंडे में
मुख्यमंत्री की इस यात्रा का एक और उद्देश्य आगामी पंचायत चुनाव 2026 और 2027 के विधानसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर भाजपा नेतृत्व से रणनीतिक संवाद करना भी बताया जा रहा है। पार्टी का लक्ष्य अगले कुछ महीनों में प्रदेश के संगठनात्मक ढांचे को मजबूत करते हुए, जमीनी स्तर पर कार्यकर्ताओं की भागीदारी को सुनिश्चित करना है।