हिन्दुस्तान मिरर न्यूज़: 30 अप्रैल: 2025,
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में CCPA का ऐतिहासिक निर्णय
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आगामी जनगणना में जातीय जनगणना को शामिल करने के केंद्र सरकार के फैसले का स्वागत किया है। इस निर्णय की जानकारी केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने दी। योगी आदित्यनाथ ने इस निर्णय के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार जताया और इसे एक “ऐतिहासिक और निर्णायक पहल” बताया।
सीएम योगी ने बताया सामाजिक न्याय की दिशा में निर्णायक कदम
सीएम योगी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर पोस्ट करते हुए लिखा,
“140 करोड़ देशवासियों के समग्र हित में आदरणीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में CCPA द्वारा जाति जनगणना को आगामी जनगणना में शामिल किए जाने का निर्णय अभूतपूर्व एवं स्वागत योग्य है।”
उन्होंने कहा कि यह निर्णय वंचित, पिछड़े और उपेक्षित वर्गों को सही पहचान देने और सरकारी योजनाओं में उनकी उचित भागीदारी सुनिश्चित करने की दिशा में एक निर्णायक पहल है।
योगी आदित्यनाथ ने आगे लिखा कि यह कदम सामाजिक न्याय और डेटा-आधारित सुशासन को साकार करने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा।
केंद्र सरकार ने क्यों लिया यह फैसला?
केंद्र सरकार ने स्पष्ट किया कि स्वतंत्रता के बाद अब तक की जनगणनाओं में जाति को शामिल नहीं किया गया था।
2010 में तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने लोकसभा में वादा किया था कि इस विषय पर कैबिनेट में विचार किया जाएगा। इसके लिए मंत्रियों का एक समूह (GoM) भी बनाया गया था। अधिकांश राजनीतिक दलों ने जातीय जनगणना की सिफारिश की थी, लेकिन तत्कालीन सरकार ने केवल सामाजिक-आर्थिक और जातीय जनगणना (SECC) के रूप में एक सीमित सर्वेक्षण कराया था।
जातीय डेटा से सामाजिक समरसता और विकास को मिलेगा बल: केंद्र
सरकार का कहना है कि इस निर्णय से यह सुनिश्चित होगा कि देश में सामाजिक और आर्थिक रूप से सभी वर्ग सशक्त हों। इससे योजनाओं का लाभ उचित वर्गों तक पहुँच सकेगा और देश की प्रगति बिना किसी सामाजिक तनाव के आगे बढ़ेगी।
केंद्र ने यह भी उदाहरण दिया कि जब आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) के लिए 10% आरक्षण लागू किया गया था, तब समाज में किसी भी प्रकार का टकराव नहीं हुआ। इसी तरह, जातीय जनगणना भी सामाजिक समरसता को मज़बूत करने का माध्यम बनेगी।