हिन्दुस्तान मिरर न्यूज़: मंगलवार 17 जून 2025
नई दिल्ली, 17 जून 2025: विश्व हिन्दी परिषद उ.प्र., आगरा के जिला अध्यक्ष श्री देवकी नंदन गोस्वामी ने हाल ही में दिल्ली विधानसभा के उपसभापति श्री मोहन सिंह बिष्ट से शिष्टाचार भेंट की। इस अवसर पर उन्होंने भारत की मातृभाषा हिंदी और सनातन ज्ञान के प्रतीक ग्रंथ श्रीमद्भगवद्गीता को देश के शैक्षणिक पाठ्यक्रमों में शामिल करने का आग्रह किया।
श्री गोस्वामी ने कहा कि जैसे इग्नू ने भगवद्गीता पर आधारित मास्टर डिग्री प्रोग्राम शुरू किया है, वैसे ही सभी स्कूलों, कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में इसे अनिवार्य विषय बनाना चाहिए। उन्होंने जोर देकर कहा कि इससे विद्यार्थियों में भारतीय संस्कृति, नैतिक मूल्यों और आत्मिक विकास की भावना जागृत होगी, जो चरित्र निर्माण की नींव रखेगी और देश निर्माण का मार्ग प्रशस्त करेगी।
उन्होंने आगे कहा, “आज की युवा पीढ़ी तकनीकी रूप से सक्षम है, लेकिन नैतिक दिशा और आंतरिक स्थिरता की कमी से जूझ रही है। भगवद्गीता उन्हें आत्मज्ञान, कर्तव्यबोध और जीवन प्रबंधन की शिक्षा देकर सशक्त व्यक्तित्व प्रदान कर सकती है।”
उपसभापति श्री बिष्ट ने इस प्रस्ताव को समयानुकूल और सार्थक बताया। उन्होंने श्री गोस्वामी के प्रयासों की सराहना की और इस मुद्दे को नीति-निर्माण स्तर पर उठाने का आश्वासन दिया। श्री गोस्वामी ने कहा कि यह अभियान केवल शैक्षणिक सुधार नहीं, बल्कि भारत के सांस्कृतिक पुनर्जागरण का माध्यम बनेगा। भगवद्गीता और हिंदी को शिक्षा के केंद्र में लाकर युवाओं को उनकी जड़ों से जोड़ा जा सकता है, जिससे मूल्यनिष्ठ और आत्मनिर्भर भारत का निर्माण होगा।
भेंट के अंत में श्रीमद्भगवद्गीता की एक प्रति उपसभापति को भेंट की गई। यह मुलाकात “चरित्र निर्माण से देश निर्माण” के मंत्र को साकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।