हिन्दुस्तान मिरर न्यूज़: 27 अप्रैल: 2025,
भारत और पाकिस्तान के बीच सिंधु नदी को लेकर विवाद गहरा गया है। पाकिस्तान की ओर से जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने सिंधु जल समझौता (Indus Water Treaty) को स्थगित कर दिया है। केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सीआर पाटिल ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए भारत में पानी की स्थिति को लेकर महत्वपूर्ण जानकारी दी है।
जल मंत्री का बयान: पानी की कोई कमी नहीं
सीआर पाटिल ने स्पष्ट किया कि भारत में पानी की कमी नहीं है, बल्कि यहां पानी के उचित प्रबंधन की कमी है। उन्होंने बताया कि भारत में करीब 4,000 बीसीएम (बिलियन क्यूबिक मीटर) पानी उपलब्ध है, जबकि देश की वर्तमान जरूरत सिर्फ 1120 बीसीएम की है। उन्होंने यह भी कहा कि 2050 तक पानी की आवश्यकता बढ़कर 1180 बीसीएम तक हो सकती है, लेकिन अभी तक जल भंडारण की व्यवस्था सिर्फ 750 बीसीएम की है।
प्रधानमंत्री मोदी का जल संरक्षण में योगदान
जल मंत्री ने यह भी कहा कि भारत में जल संरक्षण के प्रयासों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का योगदान सबसे महत्वपूर्ण रहा है। प्रधानमंत्री ने हर जिले में अमृत सरोवर का निर्माण कराया, जिससे जल संरक्षण और वर्षा जल संचयन में महत्वपूर्ण मदद मिली है।
सिंधु जल समझौता: पाकिस्तान का पानी रोकने पर तनाव
भारत और पाकिस्तान के बीच 1960 में हुआ सिंधु जल समझौता विश्व की सबसे सफल जल-साझा संधियों में से एक माना जाता था, लेकिन अब पाकिस्तान की ओर से की गई हरकतों के कारण यह समझौता संकट में है। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने इस समझौते को स्थगित करने का निर्णय लिया। यह हमला 22 अप्रैल 2025 को हुआ, जिसमें 26 लोग मारे गए। इस हमले को पुलवामा हमले के बाद सबसे बड़ा हमला माना जा रहा है, और इसके बाद पाकिस्तान के खिलाफ भारत ने कड़ा कदम उठाया।
पाकिस्तान की प्रतिक्रिया
भारत के इस कदम के बाद पाकिस्तान भौखलाया हुआ है। सिंधु जल समझौते के स्थगित होने से दोनों देशों के बीच जल विवाद और बढ़ सकता है। भारत का कहना है कि पाकिस्तान के द्वारा पानी रोकने से युद्ध जैसी स्थिति उत्पन्न हो सकती है, और इसी कारण से यह कड़ा निर्णय लिया गया।
इस विवाद के बीच भारत को अपने जल प्रबंधन को बेहतर बनाने की आवश्यकता महसूस हो रही है, ताकि भविष्य में पानी की कोई कमी न हो और जल सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।