हिन्दुस्तान मिरर न्यूज़: 8 मई : 2025,
अलीगढ़, 8 मई: अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (AMU) के समेकित हरित और अक्षय ऊर्जा केंद्र (CGRE) के प्रमुख, डॉ. फैज़ान ख़ालिद ने नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय द्वारा आयोजित ‘राष्ट्रीय ग्रीन हाइड्रोजन मिशन – एमएसएमई के लिए अवसर’ विषय पर कार्यशाला में भाग लिया।
यह कार्यशाला भारत के महत्वाकांक्षी ग्रीन हाइड्रोजन मिशन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा थी, जिसमें 300 से अधिक प्रतिभागी और 25 से अधिक प्रतिष्ठित वक्ता शामिल थे। इस मिशन का उद्देश्य 2030 तक प्रति वर्ष 50 लाख मीट्रिक टन ग्रीन हाइड्रोजन उत्पादन का लक्ष्य प्राप्त करना है, और इसके लिए सरकार ने 19,744 करोड़ रुपये की राशि निर्धारित की है। इसमें से 17,490 करोड़ रुपये ग्रीन हाइड्रोजन उत्पादन को प्रोत्साहित करने के लिए विशेष रूप से इलेक्ट्रोलाइज़र निर्माण और अन्य रणनीतिक हस्तक्षेपों के लिए रखे गए हैं।
डॉ. फैज़ान ख़ालिद ने कार्यशाला के दौरान एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम) की ग्रीन ऊर्जा संक्रमण में भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि एमएसएमई भारत की अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं, जो 11 करोड़ से अधिक लोगों को रोजगार प्रदान करते हैं और देश के जीडीपी में लगभग 30 प्रतिशत का योगदान करते हैं। इस संदर्भ में, ग्रीन हाइड्रोजन उत्पादन और अन्य नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों में इन उद्यमों की भूमिका अत्यधिक महत्वपूर्ण हो सकती है।
कार्यशाला में खासतौर पर विकेन्द्रीकृत ग्रीन हाइड्रोजन उत्पादन पर चर्चा की गई, जिसमें विशेष रूप से बायोमास के उपयोग की बात की गई, जो अभी भी अप्रयुक्त है और 200 मिलियन टन से अधिक है। इसके अलावा, इलेक्ट्रोलाइज़र, भंडारण प्रणालियों, पाइपलाइन घटकों, और सौर तापीय प्रौद्योगिकियों में नवाचार के क्षेत्र में नई संभावनाओं पर भी जोर दिया गया।
इस अवसर पर, CGRE की समन्वयक डॉ. सफ़िया ए. काज़मी ने डॉ. फैज़ान ख़ालिद को इस राष्ट्रीय मिशन में AMU का प्रतिनिधित्व करने के लिए बधाई दी और कहा कि CGRE सतत और नवीकरणीय ऊर्जा समाधानों के लिए शोध, प्रशिक्षण और नीति-निर्माण सहयोग के जरिए अपना योगदान देता रहेगा।