हिन्दुस्तान मिरर न्यूज़: 14 मई : 2025,
अमेठी, 14 मई। राज्य महिला आयोग की सदस्य डॉ. प्रियंका मौर्य ने बुधवार को अमेठी के गौरीगंज तहसील सभागार में आयोजित जनसुनवाई के दौरान घरेलू हिंसा के बढ़ते मामलों पर गहरी चिंता जताई। इस दौरान तीन तलाक की धमकी, शारीरिक उत्पीड़न और पारिवारिक उपेक्षा जैसी गंभीर शिकायतें महिलाओं द्वारा सामने रखी गईं।
जनसुनवाई में डॉ. मौर्य ने दर्जनों पीड़ित महिलाओं से संवाद कर उनकी समस्याओं को गंभीरता से सुना और संबंधित अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि आज भी महिलाएं सामाजिक, मानसिक और शारीरिक हिंसा की शिकार हो रही हैं, जो बेहद चिंताजनक स्थिति है।
सोशल मीडिया बना नई चुनौतियों का कारण
डॉ. प्रियंका मौर्य ने घरेलू हिंसा के मामलों में तेजी से हो रही वृद्धि पर चिंता जताते हुए कहा कि “आज सोशल मीडिया ने संवाद को जितना आसान बनाया है, उतना ही पारिवारिक जीवन में जटिलताएं भी बढ़ा दी हैं। पुरुष और महिलाएं अब एक-दूसरे के संपर्क में अधिक आने लगे हैं, जिससे विवाहेत्तर संबंधों की संख्या बढ़ी है और पारिवारिक तानाबाना कमजोर हो रहा है। यही कारण है कि घरेलू कलह और हिंसा की घटनाएं तेजी से सामने आ रही हैं।”
महिलाओं को आत्मनिर्भर बनने की दी सलाह
उन्होंने कहा कि महिलाएं जब तक अपने जीवन के लक्ष्य तय नहीं करेंगी, तब तक वे सामाजिक और मानसिक उत्पीड़न से पूरी तरह बाहर नहीं निकल पाएंगी। महिलाओं को शिक्षा, आत्मनिर्भरता और आत्मसम्मान की ओर कदम बढ़ाने की आवश्यकता है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि शिक्षा का अभाव महिलाओं को दिशाहीन बना रहा है, जिससे वे कई बार गलत निर्णय ले लेती हैं और उनका जीवन और अधिक उलझ जाता है।
कानून में विवाहेत्तर संबंधों को लेकर हैं स्पष्ट प्रावधान
डॉ. मौर्य ने स्पष्ट किया कि विवाहेत्तर संबंधों से जुड़े मामलों में कानून में कई प्रावधान हैं और दोनों पक्षों की पूरी सुनवाई के बाद ही निर्णय लिए जाते हैं। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि महिलाएं अपने अधिकारों के प्रति जागरूक रहें और किसी भी प्रकार की हिंसा या उत्पीड़न का साहसपूर्वक विरोध करें।
अधिकारियों को दिए त्वरित कार्रवाई के निर्देश
जनसुनवाई के दौरान डॉ. मौर्य ने महिला कल्याण विभाग, पुलिस, स्वास्थ्य और शिक्षा विभाग के अधिकारियों से योजनाओं की प्रगति की जानकारी ली। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि तीन तलाक की धमकी, मारपीट, घरेलू हिंसा जैसे गंभीर मामलों में बिना देरी के जांच कर त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित की जाए।
डॉ. मौर्य ने कहा कि महिलाओं से संबंधित सरकारी योजनाओं का लाभ उन्हें सही तरीके से मिले, इसके लिए हर स्तर पर सतर्कता बरती जाए। उन्होंने संबंधित विभागों को योजनाओं के क्रियान्वयन में पारदर्शिता और संवेदनशीलता बरतने की सलाह दी।