हिन्दुस्तान मिरर न्यूज: 23 जुलाई 2025
गाजियाबाद में फर्जी दूतावास का भंडाफोड़: एसटीएफ की बड़ी कार्रवाई, करोड़ों की धोखाधड़ी का खुलासा
उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने एक अत्यंत चौंकाने वाले फर्जीवाड़े का पर्दाफाश किया है। नोएडा यूनिट द्वारा की गई कार्रवाई में गाजियाबाद के कविनगर क्षेत्र में एक फर्जी दूतावास का संचालन कर रहे हर्ष वर्धन जैन को गिरफ्तार किया गया है। आरोपी खुद को काल्पनिक या अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता न प्राप्त देशों का राजदूत या कॉन्सुल जनरल बताकर लोगों को भ्रमित कर रहा था।
आरोपी की पहचान और गतिविधियां
हर्ष वर्धन जैन, पुत्र जेडी जैन, निवासी केबी 45 कविनगर, गाजियाबाद ने पास के ही केबी 35 में किराए पर मकान लेकर कथित रूप से West Arctica, Saborga, Poulvia, Lodonia जैसे अज्ञात माइक्रो-नेशन के नाम पर अवैध “दूतावास” चला रखा था। वह खुद को इन देशों का राजनयिक या एम्बेसडर बताकर जनता और कंपनियों को प्रभावित करता था।
वह गाड़ियों पर डिप्लोमैटिक नंबर प्लेट लगाकर घूमता था और सोशल मीडिया तथा कागजों पर प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति और अन्य प्रतिष्ठित व्यक्तियों के साथ फोटोशॉप की गई तस्वीरें लगाकर अपनी पहचान को वैध और प्रभावशाली दिखाने का प्रयास करता था।
अपराध का उद्देश्य और तरीका
हर्ष वर्धन का मुख्य उद्देश्य विदेशी देशों में रोजगार दिलाने के नाम पर कंपनियों और व्यक्तियों से धन ऐंठना था। इसके अलावा वह फर्जी शेल कंपनियों के माध्यम से हवाला का नेटवर्क चला रहा था। शुरुआती जांच में सामने आया है कि उसका नेटवर्क विभिन्न देशों और एजेंसियों तक फैला हो सकता है।
एसटीएफ के अनुसार, हर्ष वर्धन का संबंध अतीत में विवादास्पद आध्यात्मिक गुरु चंद्रास्वामी और खतरनाक अंतरराष्ट्रीय हथियार डीलर अदनान खगोशी से भी रहा है। यह कड़ी इस पूरे नेटवर्क के अंतरराष्ट्रीय आयाम की ओर इशारा करती है।
चौंकाने वाली बरामदगी
एसटीएफ ने आरोपी के पास से भारी मात्रा में फर्जी और अवैध सामग्री बरामद की है:
- 4 डिप्लोमैटिक नंबर प्लेट लगी गाड़ियाँ
- 12 फर्जी डिप्लोमैटिक पासपोर्ट
- विदेश मंत्रालय की मोहर लगे कूटरचित दस्तावेज
- 2 फर्जी पैन कार्ड और 2 फर्जी प्रेस कार्ड
- 34 विभिन्न कंपनियों और देशों की नकली मोहरें
- 18 अतिरिक्त डिप्लोमैटिक नंबर प्लेट
- ₹44,70,000 नगद
- विभिन्न देशों की विदेशी मुद्रा
- फर्जी कंपनियों के दस्तावेज
पुराना आपराधिक इतिहास
यह पहला मौका नहीं है जब हर्ष वर्धन पर गंभीर आरोप लगे हों। वर्ष 2011 में भी उसके पास से अवैध सैटेलाइट फोन बरामद हुआ था, जिसके लिए थाना कविनगर में मुकदमा दर्ज किया गया था। उस समय भी उसकी गतिविधियों को लेकर खुफिया एजेंसियां सतर्क हो गई थीं, लेकिन इस बार उसका जाल और भी अधिक विस्तृत और खतरनाक प्रतीत हो रहा है।