हिन्दुस्तान मिरर न्यूज़: 5 मई : 2025,
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं हादसे के दिल दहला देने वाले वीडियो
उत्तर प्रदेश के कानपुर शहर के चमनगंज के गांधी नगर इलाके में रविवार रात एक भीषण अग्निकांड हुआ, जिसने पूरे शहर को हिला कर रख दिया। एक 5 मंजिला इमारत में अचानक आग लग गई, जिसमें एक ही परिवार के 5 लोगों समेत 6 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई। घटना के दिल दहला देने वाले वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहे हैं, जिसमें आग की ऊंची-ऊंची लपटें और धुएं का गुबार साफ नजर आ रहा है।
जूता फैक्ट्री और रिहायशी फ्लोर वाली बिल्डिंग में फैली आग
यह इमारत एक जूता फैक्ट्री, गोदाम और निवास के रूप में इस्तेमाल हो रही थी। पहली और दूसरी मंजिल पर जूता फैक्ट्री और गोदाम था, जबकि तीसरी और चौथी मंजिल पर दो भाइयों – दानिश और कासिफ – का परिवार रहता था। आग लगते ही यह पूरी बिल्डिंग इसकी चपेट में आ गई। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, आग इतनी तेज थी कि केवल 10 से 15 मिनट में ही पूरी बिल्डिंग जलने लगी।
रेस्क्यू ऑपरेशन: तीसरी मंजिल से लोगों को निकाला गया, चौथी मंजिल पर फंसे परिवार की मौत
पुलिस और दमकल कर्मियों ने तीसरी मंजिल पर फंसे लोगों को बचा लिया, लेकिन चौथी मंजिल पर रहने वाले दानिश (45), उनकी पत्नी नाजनीन (42), बेटियां सारा (15), सिमरा (12) और इनाया (7) को नहीं बचाया जा सका। बच्चों को पढ़ाने के लिए आई एक टीचर की भी इस हादसे में मौत हो गई। यह रेस्क्यू ऑपरेशन अत्यंत चुनौतीपूर्ण रहा।
दमकल की 30 से अधिक गाड़ियों ने 7 घंटे में पाया आग पर काबू
आग पर काबू पाने के लिए दमकल की 30 से ज्यादा गाड़ियाँ लगाई गईं। करीब 70 से अधिक फायर ब्रिगेड कर्मियों ने लगभग 7 घंटे की मशक्कत के बाद आग बुझाई। आग इतनी विकराल थी कि लखनऊ से SDRF की टीम और आसपास के शहरों से भी फायर ब्रिगेड को बुलाया गया।
सावधानी: 200 मीटर का दायरा सील, 6 इमारतें खाली कराई गईं
सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए इमारत के दोनों तरफ 200-200 मीटर के दायरे को सील किया गया। आसपास की लगभग 6 इमारतों को खाली कराकर वहां के निवासियों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया। हादसे के समय सैकड़ों लोग मौके पर जुटे और राहत कार्यों में मदद करते देखे गए।
आग लगने की वजह पर संदेह, शॉर्ट सर्किट प्राथमिक कारण
अभी तक आग लगने की आधिकारिक वजह सामने नहीं आई है, लेकिन प्राथमिक जांच में शॉर्ट सर्किट को इसका कारण बताया जा रहा है। विशेषज्ञों की टीम मौके पर जांच कर रही है।
सुरक्षा मानकों की अनदेखी का खामियाजा
इस दर्दनाक हादसे ने एक बार फिर सवाल खड़े कर दिए हैं कि घनी बस्तियों में फैक्ट्रियों और रिहायशी मकानों का एक साथ होना कितना खतरनाक हो सकता है। प्रशासन और नगर निगम को अब ऐसी इमारतों की गहन जांच कर सुरक्षा मानकों को सुनिश्चित करने की ज़रूरत है।