हिन्दुस्तान मिरर न्यूज: 24 जुलाई 2025
बिहार विधानसभा चुनाव से पहले सियासत गरमा गई है। जन सुराज पार्टी के संयोजक प्रशांत किशोर के नेतृत्व में बुधवार को किए गए विधानसभा मार्च पर अब कानूनी कार्रवाई शुरू हो गई है। पटना पुलिस ने प्रशांत किशोर समेत 9 नामजद और करीब 2000 अज्ञात कार्यकर्ताओं के खिलाफ सचिवालय थाना में एफआईआर दर्ज की है।
बिना अनुमति मार्च और पुलिस से झड़प
सेंट्रल एसपी दक्षा कुमारी के अनुसार, जन सुराज के कार्यकर्ताओं ने बिना अनुमति के विधानसभा की ओर मार्च निकाला और प्रतिबंधित क्षेत्र में प्रवेश किया। इस दौरान पुलिस ने उन्हें रोकने की कोशिश की तो धक्का-मुक्की और झड़प शुरू हो गई। हालात बिगड़ने पर पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा।
पुलिस का कहना है कि यह मार्च निषेधाज्ञा का उल्लंघन था और राजधानी की कानून-व्यवस्था के लिए गंभीर खतरा बन गया था। एफआईआर में सरकारी कार्य में बाधा, सरकारी आदेश की अवहेलना, और उपद्रव फैलाने जैसे कई धाराएं लगाई गई हैं।
प्रशांत किशोर को हिरासत में लिया गया
पुलिस कार्रवाई के दौरान प्रशांत किशोर को हिरासत में लिया गया और कुछ घंटों बाद रिहा कर दिया गया। लाठीचार्ज में कई कार्यकर्ता घायल हुए, जिन्हें पास के अस्पतालों में भर्ती कराया गया।
तीन प्रमुख मांगों को लेकर हुआ था प्रदर्शन
प्रदर्शनकारी तीन मुख्य मांगों को लेकर सड़क पर उतरे थे:
- जातीय जनगणना 2023 में चिन्हित 94 लाख गरीब परिवारों को 2 लाख रुपये की आर्थिक सहायता कब दी जाएगी?
- 50 लाख दलित और अति पिछड़ा परिवारों को 3 डिसमिल जमीन कब तक मिलेगी?
- जमीन सर्वे के नाम पर हो रही वंशावली, रसीद और दाखिल-खारिज में लूट कब रुकेगी?
प्रशांत किशोर ने कहा कि उनकी मांगें गरीबों और वंचितों के अधिकार की लड़ाई हैं, लेकिन सरकार इन मुद्दों को नजरअंदाज कर रही है।