हिन्दुस्तान मिरर न्यूज़: बुधवार 11 जून 2025
ब्रसेल्स/नई दिल्ली, 11 जून 2025 विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने अपने यूरोप दौरे के दौरान पाकिस्तान को कड़ा संदेश देते हुए स्पष्ट कर दिया है कि अगर भारत पर आतंकवादी हमला होता है, तो भारत जवाबी कार्रवाई करते हुए आतंकियों को उनके अड्डों में घुसकर मार गिराने से नहीं हिचकिचाएगा। ब्रसेल्स में दिए गए एक साक्षात्कार में जयशंकर ने आतंकवाद को लेकर पाकिस्तान की नीति पर तीखा हमला बोला।
उन्होंने कहा, “हमें इस बात की परवाह नहीं कि आतंकी कहां हैं। अगर वे पाकिस्तान में हैं, तो हम पाकिस्तान के अंदर जाकर भी कार्रवाई करेंगे।” यह बयान उन्होंने यूरोपीय संघ के उच्च स्तरीय व्यापार संवादों में भाग लेते हुए दिया।
पाकिस्तान को दी सख्त चेतावनी
जयशंकर ने कहा कि पाकिस्तान आज भी आतंकवाद को अपनी राज्य नीति का हिस्सा बनाए हुए है और वहां अब भी हजारों आतंकवादियों को ट्रेनिंग दी जा रही है। “भारत अब इन गतिविधियों को नजरअंदाज नहीं करेगा,” उन्होंने चेतावनी दी।
जयशंकर ने 10 मई को भारत द्वारा की गई एयर स्ट्राइक का उल्लेख करते हुए बताया कि इस हमले में पाकिस्तान के कई प्रमुख हवाई अड्डों को निशाना बनाया गया, जिससे उसकी सैन्य क्षमता को गंभीर क्षति पहुंची। उन्होंने कहा कि रनवे और हैंगर बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए और गूगल सैटेलाइट इमेजेज इसका प्रमाण हैं।
उन्होंने 6-7 मई की रात को किए गए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की भी जानकारी दी। इस सैन्य अभियान में भारत ने 24 मिसाइलों का प्रयोग करते हुए 9 आतंकी शिविरों को ध्वस्त कर दिया। इनमें से 5 शिविर पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में और 4 पाकिस्तान की मुख्य भूमि में स्थित थे।
सूत्रों के मुताबिक, इस ऑपरेशन में आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर के परिजनों सहित कई आतंकवादी मारे गए।
आतंकवाद को लेकर वैश्विक समर्थन जुटा रहा भारत
जयशंकर ने बताया कि भारत ने आतंकवाद को लेकर दुनिया को एकजुट करने के लिए 33 देशों में विशेष प्रतिनिधिमंडल भेजे हैं। ये कदम पहलगाम आतंकी हमले के बाद अंतरराष्ट्रीय समुदाय को भारत की नीति और प्रतिक्रिया से अवगत कराने के लिए उठाया गया।
राफेल की क्षमता का जिक्र
पाकिस्तान को हुए नुकसान को राफेल लड़ाकू विमानों की क्षमता का प्रमाण बताते हुए जयशंकर ने कहा कि भारत के एयरस्ट्राइक से पाकिस्तान को भारी क्षति हुई है और उसे शांति प्रयासों के लिए मजबूर होना पड़ा।
अपनी यूरोप यात्रा के दौरान जयशंकर यूरोपीय संघ, फ्रांस और बेल्जियम के नेताओं से मुलाकात कर रहे हैं, जहां द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने और आतंकवाद के खिलाफ भारत की “जीरो टॉलरेंस” नीति को स्पष्ट करने पर ज़ोर दिया जा रहा है।