हिन्दुस्तान मिरर न्यूज़: सोमवार 16 जून 2025
एटा के अलीगंज कस्बे में रविवार को धर्मांतरण का एक बड़ा मामला सामने आया। पुलिस ने बजरंग दल की सूचना पर किला रोड स्थित एक मकान में छापा मारकर चार ईसाई मिशनरी सदस्यों को गिरफ्तार किया। आरोप है कि ये लोग दो दर्जन स्थानीय महिलाओं का ब्रेनवॉश कर ईसाई धर्म में मतांतरण कराने की कोशिश कर रहे थे। पुलिस ने मौके से धार्मिक पुस्तकें और प्रचार सामग्री भी जब्त की है।
बजरंग दल अलीगंज के संयोजक आदित्य राठौर ने दोपहर दो बजे पुलिस को सूचना दी कि सुंदरलाल के मकान में धर्मांतरण की गतिविधि चल रही है। पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए मौके पर छापा मारा। मकान की पहली मंजिल पर एक कमरे में लगभग दो दर्जन महिलाएं मौजूद थीं, जिनके पास ईसाई धर्म से संबंधित पंपलेट मिले।
पुलिस के पहुंचने पर फतेहपुर जिले के गाजीपुर थाना क्षेत्र के गमहारी गांव निवासी धर्मवीर सिंह महिलाओं को भाषण दे रहा था। उसके पास धार्मिक पुस्तकें भी थीं। पुलिस ने घटना का वीडियो बनाया और धर्मवीर के भाषण समाप्त होने पर उसे और उसके तीन साथियों—विजय सिंह (निवासी अकबरपुर कोट, अलीगंज), महावीर (निवासी भरापुरा, अलीगंज), और सुंदरलाल (निवासी किला रोड)—को हिरासत में ले लिया।
पुलिस पूछताछ में आरोपितों ने दी सफाई
थाने में पूछताछ के दौरान आरोपितों ने कहा कि वे केवल धार्मिक संदेश दे रहे थे। हालांकि, पुलिस सूत्रों के अनुसार, वे ठोस जवाब नहीं दे पाए और इधर-उधर की बातें करते रहे। पुलिस ने मौके से जब्त धार्मिक सामग्री की जांच शुरू कर दी है।
हिंदू संगठनों का थाने पर जमावड़ा
घटना की जानकारी मिलते ही विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल, और भाजपा कार्यकर्ता थाने पहुंच गए। उन्होंने आरोप लगाया कि ईसाई मिशनरी सदस्य धन और नौकरी का लालच देकर भोले-भाले लोगों को अपने जाल में फंसा रहे थे। बजरंग दल के संयोजक आदित्य राठौर ने बताया कि पुलिस को तहरीर सौंप दी गई है, जिसमें सुंदरलाल के मकान में धर्मांतरण के प्रयास और लालच देने की बात कही गई है।
पुलिस की कार्रवाई
थाना प्रभारी निर्दोष सिंह सेंगर ने बताया कि आरोपितों से पूछताछ की जा रही है। तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज किया जाएगा और आगे की कार्रवाई की जाएगी। पुलिस ने फिलहाल महिलाओं से पूछताछ नहीं की है।
सतर्कता से विफल हुआ षड्यंत्र
हिंदू संगठनों का कहना है कि उनकी सतर्कता और पुलिस की त्वरित कार्रवाई से धर्मांतरण का यह प्रयास विफल हो गया। मामला संवेदनशील होने के कारण पुलिस और प्रशासन अलर्ट मोड पर है।