हिन्दुस्तान मिरर न्यूज़: शुक्रवार13 जून 2025
गोरखपुर में रेलवे भर्ती बोर्ड (RRB) कार्यालय में हुए भर्ती घोटाले की जांच फिर से तेज हो गई है। रेलवे बोर्ड, दिल्ली की चार सदस्यीय विजिलेंस टीम ने गुरुवार को शाम 4 से 6 बजे तक कार्यालय की फाइलों का निरीक्षण किया और संबंधित अधिकारियों व कर्मचारियों से पूछताछ की। सूत्रों के अनुसार, टीम ने वाणिज्य विभाग में आरक्षण कोटा से जुड़ी शिकायतों की भी जांच की और आवेदन प्रक्रिया से संबंधित जानकारी जुटाई। शुक्रवार को भी जांच जारी रहने की संभावना है।
पूर्वोत्तर रेलवे (NER) की छह सदस्यीय विजिलेंस टीम ने जनवरी 2025 में प्राथमिक रिपोर्ट केंद्रीय सतर्कता आयुक्त को भेजी थी, लेकिन अन्य अधिकारियों और कर्मचारियों की मिलीभगत की आशंका के चलते दिल्ली की टीम ने दोबारा जांच शुरू की है। रेलवे प्रशासन ने इस जांच की आधिकारिक पुष्टि नहीं की है।
मामले में केंद्रीय सतर्कता आयुक्त के निर्देश पर रेलवे ने चंद्र शेखर आर्या और राम सजीवन के खिलाफ कैंट थाने में मुकदमा दर्ज कराया है, जहां जांच चल रही है। RRB गोरखपुर के अध्यक्ष नुरुद्दीन अंसारी और निजी सचिव राम सजीवन को निलंबित किया जा चुका है। अनियमितताओं के कारण गोरखपुर के कुछ विजिलेंस इंस्पेक्टरों को भी हटाया गया है।
घटना का विवरण: 26 अप्रैल, 2024 को जारी पैनल में दो रेलकर्मियों, कार्यालय अधीक्षक चंद्र शेखर आर्या और निजी सचिव राम सजीवन ने अपने बेटों, राहुल प्रताप और सौरभ कुमार, के नाम बिना आवेदन, परीक्षा, मेडिकल टेस्ट या दस्तावेज सत्यापन के शामिल करवाए। ये दोनों मॉडर्न कोच फैक्ट्री, रायबरेली में फिटर के पद पर नियुक्त हो गए थे। पैनल अध्यक्ष नुरुद्दीन अंसारी के हस्ताक्षर से जारी हुआ था। दोनों फर्जी नियुक्तियों को रद्द कर दिया गया है।