भक्तों ने मंदिरों में उमड़ाई श्रद्धा, पवनपुत्र के दर्शन को लगी लंबी कतारें
हिन्दुस्तान मिरर न्यूज़: 12अप्रैल: 2025,
हनुमान जयंती इस बार विशेष संयोगों के साथ मनाई जा रही है। रामभक्त पवनपुत्र हनुमान की जयंती इस बार उनके प्रिय दिन शनिवार को पड़ी है, जिससे इस पर्व का महत्व और अधिक बढ़ गया है। शनिवार को जयंती का योग वर्षों बाद बना है, जिससे भक्तों में खास उत्साह देखा गया।
पंचग्रही योग से बनी अद्भुत ज्योतिषीय स्थिति
इस बार हनुमान जयंती पर हस्त और चित्रा नक्षत्र, साथ ही हर्षण योग, बुधादित्य योग, और मीन राशि में पांच ग्रहों की युति से पंचग्रही योग का निर्माण हुआ है। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार यह योग दुर्लभ है और इस दिन हनुमान जी की आराधना करने से कष्टों से मुक्ति, रोग निवारण, और कार्य सिद्धि के योग बनते हैं।
शनिदोष से पीड़ितों के लिए वरदान
ज्योतिषाचार्य प्रो. ब्रजेंद्र मिश्र के अनुसार, जिन जातकों की कुंडली में शनि की साढ़ेसाती, ढैया या महादशा-अंतर्दशा चल रही है, उनके लिए यह दिन विशेष लाभकारी है। शनिवार को हनुमान जी की पूजा करने से शनिदोष कम होता है और जीवन में शुभता आती है।
ऐसे करें हनुमान जी की पूजा
व्रत एवं पूजन विधि:
- ब्रह्म मुहूर्त में जागकर स्नान करें और व्रत का संकल्प लें।
- पूर्व दिशा में हनुमान जी की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें।
- उन्हें गंगाजल से स्नान कराएं और लाल या भगवा चोला अर्पित करें।
- घी का दीपक, सिंदूर, अक्षत, लाल पुष्प चढ़ाएं।
- भोग में गुड़, चना, बेसन के लड्डू, बूंदी अर्पित करें।
शुभ मुहूर्त
- पूर्णिमा तिथि प्रारंभ: शनिवार, 3:24 AM से
- समाप्ति: 13 अप्रैल, प्रातः 5:54 AM तक
- चंद्रोदय: सायं 6:18 PM
- अभिजीत मुहूर्त: प्रातः 11:56 से 12:47 तक
पूर्णिमा उपवास से होंगे सभी कष्ट दूर
ज्योतिषाचार्य कावेरी मुखर्जी के अनुसार, जिन जातकों का चंद्रमा कमजोर स्थिति में है या राहु, केतु, शनि के साथ युति में है, वे चैत्र पूर्णिमा से उपवास प्रारंभ करें। इससे मानसिक शांति, संतान सुख, और वैवाहिक जीवन की समस्याओं का समाधान संभव है। इस दिन सफेद वस्तुओं का दान विशेष रूप से लाभकारी होता है।
हनुमान जयंती के मंत्र
- ॐ नमो हनुमते रूद्रावताराय सर्वशत्रुसंहारणाय सर्वरोगहराय सर्ववशीकरणाय रामदूताय स्वाहा।
- ॐ नमो भगवते हनुमते नमः।
इन मंत्रों का जाप करने से सभी प्रकार के दुख, रोग, भय और विघ्न समाप्त होते हैं।
संपूर्ण लाभ के लिए करें ये उपाय
- स्नान के बाद पीले या लाल वस्त्र धारण करें।
- चमेली के तेल से दीपक जलाएं।
- हनुमान जी को सिंदूर चढ़ाएं और गुलाब के फूलों की माला अर्पित करें।
- पान के पत्ते पर गुड़ और चना रखकर भोग लगाएं।
- हनुमान चालीसा, सुंदरकांड, श्रीराम रक्षा स्तोत्र, हनुमानाष्टक का पाठ करें।