हिन्दुस्तान मिरर न्यूज़ ✑17 मई : 2025
लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य की स्वास्थ्य सेवाओं में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के उद्देश्य से एक बड़ा कदम उठाया है। अब प्रदेश में कोई भी डॉक्टर एक ही समय पर एक से अधिक निजी अस्पतालों में सेवाएं नहीं दे सकेगा। स्वास्थ्य विभाग ने इस संबंध में सख्त गाइडलाइंस जारी कर दी हैं।
नए नियमों के तहत, सभी निजी अस्पतालों को अपने यहाँ कार्यरत डॉक्टरों और मेडिकल स्टाफ का स्थायी पंजीकरण राज्य सरकार द्वारा विकसित एक डिजिटल पोर्टल पर कराना अनिवार्य होगा। डॉक्टरों को अपने MCI (मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया) रजिस्ट्रेशन नंबर को भी इस पोर्टल से लिंक करना होगा।
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि यदि कोई डॉक्टर एक ही समय पर एक से अधिक अस्पतालों में सेवाएं देते हुए पाया गया, तो उसके खिलाफ सीधी कानूनी और विभागीय कार्रवाई की जाएगी।
इसके अतिरिक्त, पोर्टल के ज़रिए निजी अस्पतालों में कार्यरत डॉक्टरों और अन्य स्वास्थ्यकर्मियों की फर्जी नियुक्तियों और दोहरी सेवाओं की भी जांच की जाएगी। दोषी पाए जाने वालों के विरुद्ध कठोर कदम उठाए जाएंगे।
स्वास्थ्य विभाग का मानना है कि इस नई व्यवस्था से मरीजों को सही समय पर योग्य और अनुभवी डॉक्टरों की सेवाएं उपलब्ध होंगी। साथ ही, अस्पतालों में फर्जीवाड़े और अव्यवस्था पर भी प्रभावी रोक लगेगी।