हिन्दुस्तान मिरर न्यूज़: 17 अप्रैल: 2025,
सुप्रीम कोर्ट में वक्फ कानून को लेकर फिर सुनवाई, अगली तारीख 5 मई
वक्फ कानून को लेकर गुरुवार, 17 अप्रैल 2025 को सुप्रीम कोर्ट में एक बार फिर सुनवाई हुई। यह मामला संवेदनशील धार्मिक अधिकारों और संविधानिक मूल्यों से जुड़ा है। अब अगली सुनवाई 5 मई को होगी।
सिंघवी का तीखा हमला: “सुधार नहीं, ये अधिकारों पर प्रहार है”
कांग्रेस नेता और मुस्लिम पक्ष की ओर से वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने केंद्र की मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा,
“ये सरकार जिसे सुधार बता रही है, वो असल में लोगों के अधिकारों पर हमला है। इसे पढ़िए, समझिए – ये धार्मिक स्वतंत्रता और आत्मनिर्णय की भावना दोनों को कुचलता है।”
कांग्रेस की चेतावनी: “हम चुप नहीं बैठेंगे”
प्रेस कॉन्फ्रेंस में सिंघवी ने साफ किया कि कांग्रेस इस मुद्दे पर न संसद में चुप बैठेगी और न संसद के बाहर।
“1950-60 के दशक के कानूनों पर हमला हो रहा है। वक्फ कानून संविधान के मूल स्वरूप को भेदता है।”
उन्होंने सरकार पर आरोप लगाया कि वक्फ के संचालन में 100 प्रतिशत नामांकन कर देना अल्पसंख्यकों की स्वतंत्रता को खत्म करने जैसा है।
“सरकार ने खुद वक्फ जमीनों पर कब्जा किया है” – सिंघवी
सिंघवी ने आरोप लगाया कि कई जगहों पर खुद सरकार ने वक्फ की जमीनों पर अतिक्रमण किया है।
“हमने तथ्यात्मक याचिकाएं दाखिल की हैं। 3 प्रमुख बिंदुओं पर सुप्रीम कोर्ट ने फिलहाल अंतरिम रोक लगाई है, जिसका हम स्वागत करते हैं।”
उन्होंने यह भी कहा कि इस मुद्दे को केवल मुस्लिम या अल्पसंख्यक नजरिये से देखना ठीक नहीं है, क्योंकि यह कल किसी और धर्म के साथ भी हो सकता है।
अनुच्छेद 9 और 14 को लेकर कोर्ट की टिप्पणी
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जब तक इस मामले में अंतिम फैसला नहीं हो जाता, तब तक अनुच्छेद 9 और 14 से जुड़े प्रावधानों में कोई बदलाव नहीं होगा।
इसके साथ ही 3(R) प्रावधान जिसमें ‘वक्फ बाय यूजर’ को मान्यता दी गई थी, उसे नए कानून से हटाने पर भी अंतरिम रोक लगी है।
इमरान प्रतापगढ़ी की प्रतिक्रिया: “संविधान को कुचलने की साजिश के खिलाफ लड़ाई जारी”
कांग्रेस सांसद इमरान प्रतापगढ़ी ने सुप्रीम कोर्ट के अंतरिम आदेश का स्वागत करते हुए कहा,
“हम कोर्ट का शुक्रिया अदा करते हैं। उम्मीद है कि अगली सुनवाई में और राहत मिलेगी। संविधान को कुचलने की हर साजिश के खिलाफ सबको मिलकर लड़ना होगा।”