मनरेगा से आगे का कदम, 125 दिन के रोजगार की गारंटी
संसद के शीतकालीन सत्र में विकसित भारत गारंटी फॉर रोजगार एंड आजीविका मिशन (ग्रामीण) यानी VB-G RAM G Bill 2025 को गुरुवार, 18 दिसंबर को लोकसभा में ध्वनिमत से पारित कर दिया गया। इस विधेयक पर लोकसभा में करीब 14 घंटे तक चर्चा हुई, जिसमें 98 सांसदों ने भाग लिया। सरकार का दावा है कि यह नया कानून मौजूदा मनरेगा (MGNREGA) से आगे बढ़कर ग्रामीण भारत में रोजगार, आजीविका और टिकाऊ विकास को एक नई दिशा देगा।
सरकार के अनुसार, यह बिल विकसित भारत 2047 के लक्ष्य से जुड़ा हुआ है और इसका उद्देश्य केवल मजदूरी उपलब्ध कराना नहीं, बल्कि गांवों की आर्थिक संरचना को मजबूत बनाना है।
VB-G RAM G Bill 2025 में क्या है नया?
1. 125 दिन के रोजगार की गारंटी
अब हर ग्रामीण परिवार को साल में 100 की बजाय 125 दिन का वेतनयुक्त रोजगार मिलेगा। इससे ग्रामीण परिवारों की आय में स्थिरता आएगी और पलायन पर रोक लगेगी।
2. खेती के मौसम में काम नहीं
बोवाई और कटाई के दौरान लगभग 60 दिनों तक इस योजना के तहत काम नहीं दिया जाएगा, ताकि खेती के समय मजदूरों की कमी न हो।
3. राज्यों की भागीदारी बढ़ी
मनरेगा में जहां मजदूरी का पूरा बोझ केंद्र सरकार उठाती थी, वहीं इस नई योजना में राज्यों को 10% से 40% तक खर्च वहन करना होगा।
4. उपयोगी और टिकाऊ कार्यों पर जोर
योजना के तहत जल संरक्षण, ग्रामीण सड़कें, आधारभूत ढांचा विकास और आपदा प्रबंधन जैसे स्थायी कार्यों को प्राथमिकता दी जाएगी।
5. सख्त निगरानी व्यवस्था
खर्च और कार्यों की निगरानी के लिए AI आधारित मॉनिटरिंग, लाइव डैशबोर्ड और सोशल ऑडिट को अनिवार्य किया गया है।
6. खुला लेबर बजट खत्म
अब मनरेगा की तरह खुला बजट नहीं होगा। हर राज्य को पहले से तय Normative Allocation मिलेगा।
7. अतिरिक्त खर्च का बोझ राज्य पर
यदि कोई राज्य तय बजट से ज्यादा खर्च करता है, तो अतिरिक्त राशि राज्य सरकार को ही देनी होगी।
VB-G RAM G Bill 2025 के प्रमुख फायदे
- 125 दिन के रोजगार की कानूनी गारंटी
- ग्रामीण विकास को अधिक समावेशी और परिणाम आधारित बनाने की कोशिश
- रोजगार के नए अवसरों में बढ़ोतरी
- जल संरक्षण और प्राकृतिक संसाधनों पर विशेष फोकस
- सशक्तिकरण, विकास, कन्वर्जेन्स और सैचुरेशन को बढ़ावा
- योजना के लिए 1.51 लाख करोड़ रुपये से अधिक के बजट का प्रावधान
विपक्ष ने क्यों किया विरोध?
विपक्ष का मुख्य आरोप है कि इस कानून में महात्मा गांधी का नाम हटाया जाना उनका अपमान है। साथ ही विपक्ष ने मांग की कि बिल को स्टैंडिंग कमेटी के पास भेजा जाए, लेकिन सरकार ने इसे स्वीकार नहीं किया।
केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा,
“महात्मा गांधी हमारे दिलों में हैं। नाम बदलने से विचार खत्म नहीं होते।”
मनरेगा क्या है?
महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) को 2 अक्टूबर 2009 को लागू किया गया था। इसके तहत ग्रामीण परिवारों के वयस्क सदस्यों को हर साल 100 दिन का रोजगार देने की गारंटी है।
इस योजना का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में आजीविका सुरक्षा बढ़ाना था। वर्ष 2010-11 में इसके लिए केंद्र सरकार ने 40,100 करोड़ रुपये का बजट रखा था।
VB-G RAM G Bill 2025 को सरकार ग्रामीण रोजगार व्यवस्था में ऐतिहासिक सुधार के रूप में पेश कर रही है। हालांकि, राज्यों पर बढ़ते वित्तीय बोझ और गांधी नाम हटाने को लेकर विवाद बना हुआ है। आने वाले समय में यह देखना अहम होगा कि यह कानून जमीन पर कितना प्रभावी साबित होता है।













