हिन्दुस्तान मिरर न्यूज:15 जुलाई 2025
नई दिल्ली। देश में बढ़ते मोटापे पर चिंता जताते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक अहम फैसला लिया है। मंत्रालय अब ऐसे खाद्य पदार्थों की निगरानी करेगा जिनमें अत्यधिक तेल या चीनी होती है — जैसे समोसे, पकोड़े, जलेबी, लड्डू और बर्फी। सरकार का कहना है कि दुकानदारों को अब इन खाद्य वस्तुओं में मौजूद चिकनाई और मीठे की मात्रा बताना अनिवार्य होगा।
मंत्रालय का यह कदम ‘द लैंसेट’ नामक अंतरराष्ट्रीय संस्था की हालिया रिपोर्ट के बाद आया है, जिसमें चेताया गया है कि अगर स्थितियां नहीं बदलीं, तो साल 2050 तक भारत मोटापे के मामले में अमेरिका के बाद दुनिया में दूसरे स्थान पर पहुंच सकता है। इस रिपोर्ट ने सरकार को सतर्क कर दिया है और लोगों को जागरूक करने के लिए अब दुकानों व मिठाई की दुकानों पर भी जिम्मेदारी तय की जा रही है।
सरकार की योजना है कि प्रत्येक दुकान या स्टॉल पर स्पष्ट रूप से यह लिखा जाए कि उस खाद्य सामग्री में कितने प्रतिशत तेल/घी (चिकनाई) है और कितनी प्रतिशत चीनी है। यह जानकारी खाद्य पदार्थों के पैकेट पर भी अनिवार्य रूप से छापनी होगी।
इसके अलावा स्वास्थ्य मंत्रालय एक मानक औसत (स्टैंडर्ड गाइडलाइन) भी जारी करेगा, जिसके अनुसार यह तय होगा कि कितनी मात्रा से अधिक चिकनाई या मिठास स्वास्थ्य के लिए हानिकारक मानी जाएगी।
इस नीति का उद्देश्य लोगों को उनके खाने के विकल्पों को लेकर अधिक जागरूक और सतर्क बनाना है, ताकि वे स्वास्थ्यवर्धक निर्णय ले सकें और मोटापे जैसी बीमारियों से बचा जा सके।
यह पहल न केवल उपभोक्ताओं के लिए लाभकारी है, बल्कि दुकानदारों और उत्पादकों को भी अपने खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता बेहतर बनाने के लिए प्रेरित करेगी।