हापुड़ से सनसनीखेज मामला आया सामने
हिन्दुस्तान मिरर न्यूज़: 11अप्रैल: 2025,
हापुड़ में बहुजन समाज पार्टी (BSP) प्रमुख मायावती की भतीजी ने अपने पति और ससुराल पक्ष के छह अन्य सदस्यों के खिलाफ घरेलू हिंसा, दहेज उत्पीड़न और यौन शोषण जैसे गंभीर आरोप लगाते हुए एफआईआर दर्ज कराई है।
शादी के तुरंत बाद शुरू हुआ अत्याचार
पीड़िता की शिकायत के अनुसार, उसकी शादी 9 नवंबर 2023 को हापुड़ नगर पालिका परिषद की अध्यक्ष पुष्पा देवी के बेटे विशाल सिंह से हुई थी। शादी के तुरंत बाद ही महिला पर दहेज के रूप में 50 लाख रुपये, एक फ्लैट और बसपा का टिकट दिलवाने का दबाव बनाया जाने लगा।
पति के खिलाफ गंभीर आरोप: स्टेरॉयड से बना नपुंसक
महिला ने दावा किया कि उसके पति विशाल सिंह ने बॉडीबिल्डिंग के लिए लंबे समय तक स्टेरॉयड का इस्तेमाल किया, जिससे वह नपुंसक हो गया। इस बात के सामने आने पर महिला पर बच्चे को जन्म देने का दबाव डाला गया और यहां तक कि बलात्कार की कोशिश भी की गई।
ससुर और देवर पर यौन उत्पीड़न का आरोप
17 फरवरी 2025 को पीड़िता के अनुसार, उसके ससुर श्रीपाल सिंह और देवर ने उसके साथ यौन उत्पीड़न का प्रयास किया। मानसिक और शारीरिक प्रताड़ना से तंग आकर वह अपने मायके लौट गई।
राजनीतिक दबाव में दबती रही आवाज, फिर कोर्ट का सहारा
महिला ने आरोप लगाया कि स्थानीय पुलिस ने शुरू में उसकी शिकायत को गंभीरता से नहीं लिया। 21 मार्च को उसने पुलिस अधीक्षक को लिखित शिकायत दी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। अंततः, 24 मार्च को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट डॉ. ब्रह्मपाल सिंह की अदालत में अर्जी दी, जिनके आदेश पर 10 अप्रैल को एफआईआर दर्ज की गई।
FIR में कई गंभीर धाराएँ शामिल
एसएचओ मुनीश प्रताप सिंह के अनुसार, मामला IPC की धाराओं 85, 115, 351, 75, 76 और दहेज निषेध अधिनियम के अंतर्गत दर्ज किया गया है। एफआईआर में हापुड़ नगर पालिका अध्यक्ष पुष्पा देवी, उनके पति श्रीपाल सिंह, बेटे विशाल सिंह और चार अन्य परिजनों को नामजद किया गया है।
BSP ने उठाया सख्त कदम
मामला सामने आने के बाद BSP ने तत्काल एक्शन लिया। पार्टी ने पुष्पा देवी, उनके पति और बेटे को अनुशासनहीनता और पार्टी विरोधी गतिविधियों के चलते निष्कासित कर दिया। इसकी जानकारी जिला अध्यक्ष ए.के. करदम ने प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से दी।
जांच जारी, न्याय की उम्मीद
फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है। अधिकारियों का कहना है कि सभी आरोपों की पुष्टि के बाद कानूनी कार्रवाई की जाएगी। यह मामला न केवल राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय है, बल्कि यह महिला सुरक्षा, न्याय व्यवस्था और सत्ता के दुरुपयोग पर भी गंभीर सवाल खड़े कर रहा है।