हिन्दुस्तान मिरर न्यूज:
लखनऊ। विशेष प्रगाढ़ पुनरीक्षण (एसआईआर) के दौरान मतदाता सूची में पारदर्शिता बनाए रखने के लिए चुनाव आयोग ने सख्त निर्देश जारी किए हैं। उत्तर प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) नवदीप रिणवा ने स्पष्ट कहा कि यदि कोई मतदाता दो जगहों से गणना प्रपत्र भरता है, तो उसके खिलाफ लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा-31 के तहत कार्रवाई होगी। इस प्रावधान के अनुसार एक वर्ष तक की सजा या जुर्माना लगाया जा सकता है।
सीईओ ने बताया कि कई लोग गांव और शहर या दो राज्यों में एक साथ नाम दर्ज कराते हैं, जो नियम विरुद्ध है। ऐसे में मतदाताओं को केवल उसी स्थान से फॉर्म भरना होगा, जहां वर्तमान मतदाता सूची (27 अक्टूबर को फ्रीज हुई सूची) में उनका नाम दर्ज है। अगर कोई व्यक्ति अपने पुश्तैनी गांव में वोट डालना चाहता है, तो उसे वहीं का फॉर्म भरना होगा, अन्यथा वह शहर में जहां रह रहा है, वहीं से फॉर्म भर सकता है। दो अलग-अलग जगह से फॉर्म जमा करने पर अब बच पाना संभव नहीं होगा, क्योंकि आयोग डिजिटल माध्यमों से फॉर्म की डुप्लिसिटी को स्वतः पहचान लेगा।
इस बीच, पश्चिम बंगाल में फर्जी और मृत मतदाताओं की पहचान को लेकर चुनाव आयोग ने एआई आधारित सत्यापन प्रणाली शुरू करने का फैसला किया है। यह प्रणाली मतदाता डाटाबेस में दर्ज तस्वीरों का फेशियल एनालिसिस कर उन व्यक्तियों की पहचान करेगी जो कई जगह पंजीकृत हैं या जिनकी तस्वीरों का दुरुपयोग हुआ है। अधिकारियों का कहना है कि बढ़ती शिकायतों को देखते हुए एआई फेशियल मैचिंग तकनीक अत्यंत आवश्यक हो गई है।
चुनाव आयोग का कहना है कि एसआईआर का उद्देश्य मतदाता सूची को शुद्ध करना, मृत व्यक्तियों के नाम हटाना और दो जगह पंजीकृत नामों को एक स्थान से हटाना है। इसलिए मतदाताओं से अपील है कि वे नियमों का पालन करें और एक ही स्थान से गणना प्रपत्र भरें, जिससे भविष्य में किसी कानूनी कार्रवाई से बचा जा सके।

















