हिन्दुस्तान मिरर न्यूज़: 14अप्रैल: 2025,
पीलीभीत – बीती 6 अप्रैल को हुए सड़क हादसे के बाद एक बार फिर पुलिस कार्यप्रणाली पर सवाल उठ खड़े हुए हैं। पीलीभीत-माधोटांडा रोड पर स्थित ढेरम मड़रिया मंदिर के पास एक ऑल्टो कार और बाइक की टक्कर में महेंद्र पाल की मौत हो गई जबकि घनश्याम गंभीर रूप से घायल हो गया। मृतक के परिजनों ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए, जिससे रिछोला पुलिस चौकी इंचार्ज मनोज कुमार यादव घिर गए।
मृतक के परिजनों का आरोप – घायल को समय पर नहीं मिला इलाज, पुलिस ने आरोपी को बचाया
परिजनों ने आरोप लगाया कि लेखपाल गजेंद्र यादव, जो कार चला रहे थे, ने बाइक सवारों को टक्कर मारी। महेंद्र घायल अवस्था में सड़क पर तड़पते रहे लेकिन चौकी इंचार्ज ने न तो समय पर इलाज की व्यवस्था की और न ही आरोपी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की। उल्टा पुलिस कथित आरोपी लेखपाल को बचाने में जुटी रही।
भीड़ का आक्रोश, सड़क जाम और हंगामा
हादसे के बाद ग्रामीणों में भारी आक्रोश फैल गया। लोगों ने सड़क पर जाम लगाकर हंगामा किया। मौके पर पहुंचे एसडीएम सदर आशुतोष गुप्ता और सीओ सिटी दीपक चतुर्वेदी ने परिजनों को समझा-बुझाकर मामला शांत कराया और निष्पक्ष जांच का आश्वासन दिया।
दरोगा ने दर्ज कराया उल्टा मुकदमा, ग्रामीण पहुंचे विधायक के पास
चौकी इंचार्ज मनोज कुमार यादव ने अगले ही दिन अपना बचाव करते हुए करीब आधा दर्जन नामजद और कुछ अज्ञात ग्रामीणों पर मुकदमा दर्ज करा दिया, जिससे ग्रामीणों में भय का माहौल बन गया। न्याय की गुहार लेकर वे बरखेड़ा विधायक स्वामी प्रवक्ता नंद के पास पहुंचे।
विधायक की पुलिस अधीक्षक से बात, दरोगा का तबादला लेकिन नहीं हुआ निलंबन
विधायक ने पुलिस अधीक्षक अविनाश पांडे से दरोगा के निलंबन और दर्ज मुकदमे की निष्पक्ष जांच की मांग की। एसपी ने जांच का जिम्मा सीओ सिटी को सौंप दिया। इस बीच एक दर्जन उप निरीक्षकों के तबादले किए गए, जिनमें सबसे चर्चित तबादला रिछोला चौकी इंचार्ज मनोज कुमार यादव का रहा।
विरोध के बावजूद दरोगा को मिला थाना गजरौला में नया पदस्थापन
हालांकि विधायक द्वारा दरोगा के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की गई थी, फिर भी उन्हें केवल चौकी से हटाकर थाना गजरौला में स्थानांतरित किया गया। इससे आमजन और स्थानीय राजनीति में चर्चाओं का दौर शुरू हो गया। लोग कह रहे हैं – “दरोगा जी भारी पड़ गए”।