हिन्दुस्तान मिरर न्यूज:
भारत ने स्वास्थ्य क्षेत्र में एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) ने देश की पहली मलेरिया वैक्सीन AdFalciVax को मंजूरी दे दी है। खास बात यह है कि इसे बड़े पैमाने पर उत्पादन और वितरण के लिए देश की पांच प्रमुख फार्मा कंपनियों को लाइसेंस दिया गया है। इनमें इंडियन इम्यूनोलॉजिकल्स लिमिटेड, टेकइन्वेंशन लाइफकेयर प्राइवेट लिमिटेड, पैनासिया बायोटेक लिमिटेड, बायोलॉजिकल ई लिमिटेड और जायडस लाइफसाइंसेज शामिल हैं।
ICMR का बड़ा कदम
राष्ट्रीय राजधानी में आयोजित इंडिया मेडटेक एक्सपो 2025 के दौरान इस ऐतिहासिक पहल की घोषणा की गई। ICMR के भुवनेश्वर स्थित रिसर्च सेंटर ने इस वैक्सीन को विकसित किया है। यह वैक्सीन खासतौर पर प्लास्मोडियम फाल्सीपेरम परजीवी से लड़ने के लिए तैयार की गई है, जो मलेरिया का सबसे घातक प्रकार माना जाता है और वैश्विक स्तर पर स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा है।
वैक्सीन से क्या होगा फायदा?
ICMR का कहना है कि AdFalciVax वैक्सीन न केवल व्यक्ति को मलेरिया से बचाएगी बल्कि सामुदायिक स्तर पर भी इसके फैलाव को रोकने में मददगार साबित होगी। विशेषज्ञों का मानना है कि यह वैक्सीन देश में मलेरिया नियंत्रण और उन्मूलन की दिशा में बड़ा मोड़ साबित हो सकती है।
भारत में बढ़ते मलेरिया के केस
भारत में मलेरिया के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, 2022 में करीब 1.76 लाख केस दर्ज हुए, जबकि 2023 में यह संख्या 2 लाख से अधिक हो गई। 2024 में यह आंकड़ा ढाई लाख पार कर गया। वर्तमान वर्ष में भी तेजी से केस बढ़ रहे हैं, जिससे स्थिति चिंताजनक बनी हुई है।
उम्मीद की नई किरण
ICMR का यह कदम ऐसे समय पर आया है जब देश में मलेरिया की रोकथाम सबसे बड़ी चुनौती बनी हुई है। विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले वर्षों में यह वैक्सीन भारत को मलेरिया मुक्त बनाने की दिशा में मजबूत आधार देगी और करोड़ों लोगों की जान बचा सकेगी।